भारतीय सेना में 15% अग्निवीर ग्रेजुएट, 110 बीटेक और पोस्ट ग्रेजुएट, पहले दो बैच की ऐसी है कहानी – agniveer first two batch qualification btech graduates criteria for permanent gallantry award

नई दिल्ली : भारतीय सेना में अग्निवीरों का पहला बैच जल्द ही अलग अलग यूनिट में पहुंच जाएगा। चार साल पूरे होने पर इनमें से अधिकतम 25 पर्सेंट को परमानेंट होने का मौका मिलेगा। लेकिन अगर कोई अग्निवीर बैटल कैजुवल्टी ( लाइन ऑफ ड्यूटी में जख्मी होता) है और गैलेंट्री अवॉर्ड भी मिला है तो सेना में परमानेंट होना सुनिश्चित है। सूत्रों के मुताबिक सेना ने अग्निवीरों को परमानेंट करने की जो पॉलिसी बनाई है उसमें यह साफ है कि गैलेंट्री अवॉर्ड मिलने और बैटल कैजुवल्टी होने पर उन्हें 25 पर्सेंट परमानेंट में जगह मिलेगी।भारतीय सेना में अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग हाल ही में पूरी हुई है। पहले बैच के करीब 19000 अग्निवीर अब सेना की अलग अलग यूनिट जॉइन करने को तैयार हैं। अगले महीने दूसरे बैच के करीब 20 हजार अग्निवीरों की ट्रेनिंग भी पूरी हो जाएगी। अग्निपथ स्कीम लागू करते वक्त सेना ने कहा था कि एक मकसद ज्यादा टेक सेवी युवाओं को सेना का हिस्सा बनाना है। पहले के दो बैच में यह नजर भी आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक सेना के पहले दो बैच के अग्निवीरों में पांच पर्सेंट आईटीआई क्वॉलिफाइड हैं। 15 पर्सेंट अग्निवीर ग्रेजुएट हैं और 110 बीटेक और पोस्ट ग्रेजुएट हैं।आसमान हो या जमीन, दुश्मन की हर नापाक कोशिश होगी नाकाम… देखिए LOC पर कैसे मुस्तैद है भारत की सेनासेना में लगातार तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है। ज्यादा टेक सेवी युवाओं के सेना में शामिल होने से सेना टेक्नॉलजी का ज्यादा फायदा ले सकेगी। सूत्रों के मुताबिक पहले के मुकाबले अग्निपथ स्कीम के तहत जो अग्निवीर आए हैं उनकी अकेडमिक परफॉर्मेंस भी बेहतर रही। पहली कोशिश में 30 पर्सेंट ज्यादा युवा अकेडमिक्स में पास हुए। चार साल बाद अधिकतम 25 पर्सेंट युवाओं को परमानेंट होने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए असेसमेंट और स्क्रीनिंग पॉलिसी बनाई गई है जो पूरी तरह ऑटोमेटेड है।इसमें सालाना ऑपरेशनल असेसमेंट, ट्रेड एप्टीट्यूड और कुछ टेस्ट को शामिल किया गया है। परफॉर्मेंस काउंसिलिंग भी शामिल है। सभी असेसमेंट साल में दो बार किए जाएंगे और जो बेहतर परफॉर्मेंस होगी उसे रेकॉर्ड किया जाएगा। पहले साल का असेसमेंट ट्रेनिंग खत्म होने के बाद ट्रेनिंग सेंटर में और बाकी तीन असेसमेंट यूनिट्स में किए जाएंगे।