राहुल गांधी 10 अगस्त को ही अविश्वास प्रस्ताव पर क्यों बोलेंगे

नई दिल्ली: खूब चर्चा थी कि आज दोपहर 12 बजे मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे। अचानक जब गौरव गोगोई खड़े हो गए तो भाजपा के सदस्य और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी भी तंज कसने लगे कि वे तो राहुल जी को सुनना चाहते थे। सत्तापक्ष की ओर से विपक्ष के नेता को सुनने की मांग करना अप्रत्याशित था। गोगोई बोले और जमकर बोले। पूरे भाषण में मणिपुर के मुद्दे पर वह सरकार को घेरते रहे। हालांकि लोगों के मन में एक सवाल था कि राहुल आज क्यों नहीं बोले। जबकि कुछ देर पहले ही कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया था, ‘आज सदन में बोलेंगे जननायक।’ दोपहर 2 बजे के बाद उस समय पूरा माजरा समझ में आया जब टीवी चैनलों पर यह खबर फ्लैश हुई – 10 अगस्त को संसद में बोलेंगे राहुल गांधी। जी हां, पीएम भी उसी दिन बोलने वाले हैं। ऐसे में शायद कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगा होगा कि 2024 के आम चुनाव से पहले राहुल गांधी vs नरेंद्र मोदी की सीधी फाइट का इससे बेहतर मंच दूसरा नहीं होगा।वैसे भी लोगों को क्लाइमेक्स याद रहता है। शायद इसीलिए राहुल के लिए 10 अगस्त की तारीख चुनी गई। दरअसल, कांग्रेस आरोप लगा रही है कि पीएम बड़े मुद्दों पर मौन हो जाते हैं। गौरव गोगोई ने आज भाजपा को चुभने वाले कई सवाल किए। अगर राहुल गांधी आज बोलते तो दो दिन बाद पीएम के भाषण के समय उनकी बात पीछे रह जाती। बाद में मीडिया में पीएम की बात छाई रहती। शायद यही वजह है कि कांग्रेस को ऐन वक्त पर ऐसा लगा कि अपने ‘ब्रह्मास्त्र’ को आखिर में इस्तेमाल किया जाएगा। वही बात जो सुबह मोदी ने कही थी ‘आखिरी बॉल पर छक्का लगाएंगे’।PM Modi Speech: आखिरी गेंद पर छक्का लगाएंगे… अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा सांसदों से बोले पीएम मोदीराहुल की इमेज चमका रही कांग्रेसराहुल गांधी की इमेज को लेकर कांग्रेस पार्टी अब तक डिफेंस की मुद्रा में रहती थी। भारत जोड़ो यात्रा के बाद से पूरा सीन बदला हुआ है। आप ट्विटर पर आने वाले वीडियो, उनके दौरे, मुलाकातें देख लीजिए साफ हो जाता है कि तैयारी 2024 की है। I.N.D.I.A बनने के बाद कांग्रेस उत्साहित है। औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री कैंडिडेट का ऐलान भले न हुआ हो लेकिन कांग्रेस के नेता 2024 के लिए राहुल गांधी की बातें करने लगे हैं। कांग्रेस का ट्विटर हैंडल देखिए। राहुल गांधी के लिए ‘जननायक’ लिखा जाने लगा है। लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का नोटिफिकेशन आने से पहले ही कांग्रेस ने फिल्मी अंदाज में राहुल गांधी की लोकसभा में एंट्री दिखाई। यह लोगों के दिमाग में एक नैरेटिव तैयार करने की कोशिश है। ऐसा ही कुछ हाल के वर्षों में देश ने देखा भी है।कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने राहुल के भाषण के बारे में कहा, ‘प्रजातंत्र की सबसे बड़ी आवाज, सत्य की सबसे बड़ी गूंज श्री राहुल गांधी जी को गैरकानूनी तरीके से जबरन संसद से बाहर तो कर दिया पर संसद के गलियारे सूने थे, जब राहुल जी की सिंह गर्जना गूंजेगी संसद के गलियारों में तो मोदी सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित होगी।’मीडिया में भी कहा जाने लगा है कि विपक्ष की तरफ से सबसे बड़े स्टार राहुल गांधी बन गए हैं। जिस तरह से बेंगलुरु बैठक में ममता-लेफ्ट-नीतीश-केजरीवाल और राहुल गांधी साथ दिखे उसने 2024 की पिच तैयार कर दी है।मोदी के सामने राहुलचूंकि यह पूरा सत्र मणिपुर के मुद्दे पर केंद्रित रह गया, आगे कई राज्यों में चुनाव होने हैं। बहुत कुछ मैसेज से तय होता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि गौरव गोगोई से बहस की शुरुआत कर एक तीर से दो निशाने साधे जाएं। असम से आने वाले गोगोई नॉर्थ-ईस्ट की आवाज बनकर सदन में बोलें और राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के साथ 10 अगस्त को बोलकर 2024 के लिए ‘सीधी फाइट’ का ऐलान करें। इस तरह से देखें तो 10 अगस्त का दिन संसद में जोरदार भाषण का गवाह बनने वाला है। पीएम अपने अंदाज में विपक्ष को सुनाएंगे।आज सुबह अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले ही उन्होंने भाजपा सांसदों से कह दिया कि आखिरी गेंद पर छक्का लगाएंगे। शायद इस बात को कांग्रेस ने गंभीरता से ले लिया और अपनी रणनीति बदल दी। पीएम का इशारा था कि 16 घंटे की डिबेट के बाद जब वह अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे तो विपक्ष को जमकर सुनाएंगे। अब आखिरी गेंद पर छक्का लगाने के लिए राहुल गांधी भी खड़े हो गए हैं। सबकी नजरें 10 अगस्त को लोकसभा पर रहेंगी।