नई दिल्ली: रूस ने भारत के मिशन चंद्रयान-3 के सफल होने की कामना की है। उसने कहा है कि भारतवासियों की तरह उसे भी चांद की सतह पर चंद्रयान के उतरने का बेसब्री से इंतजार है। दक्षिण भारत में रूसी महावाणिज्य दूत ओलेग निकोलाइविच अवदीव ने कहा है कि उन्हें चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने का पूरा यकीन है। रूस भारत का पुराना दोस्त है। उसने चंद्रयान-3 के लिए ये शुभकामनाएं ऐसे समय में दी हैं जब उसका लूना-25 कुछ दिन पहले ही चांद पर लैंडिंग करने में नाकाम रहा। यह 47 साल में रूस का चांद पर पहला मिशन था। लैंडिंग से पहले ही लूना-25 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।रूसी डिप्लोमैट ने कहा कि उन्हें यकीन है कि चंद्रयान-3 सफल होगा। रोवर सुरक्षित चांद पर उतरेगा। ओलेग बोले, ‘भारत में हर कोई और मैं भी चंद्रमा की कक्षा में कल की घटना का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। मुझे यकीन है कि यह भारतीय लूनर प्रोग्राम के लिए सफल होगा। रोवर सुरक्षित उतरेगा और काम करना शुरू कर देगा। मुझे यकीन है कि यह भारत के लिए बेहद उपयोगी लूनर प्रोग्राम साबित होगा। यह निश्चित रूप से एक बड़ी सफलता होगी और चांद पर और ज्यादा खोज होगी।’बीते दिनों रूस का लूना-25 लैंडिंग से पहले तकनीकी समस्याओं के कारण काबू से बाहर हो गया। चांद की सतह पर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लूना-25 को चंद्रयान-3 से पहले चांद पर उतरना था।भारत में हर कोई और मैं भी चंद्रमा की कक्षा में कल की घटना का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।ओलेग निकोलाइविच अवदीव, रूसी डिप्लोमैटरूसी अंतरिक्ष कॉरपोरेशन रोस्कोस्मोस ने बताया था कि उसने शनिवार को 11:57 GMT पर अंतरिक्ष यान से नियंत्रण खो दिया। रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा, ‘उपकरण एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया। चंद्रमा की सतह से टकराने से यह चकनाचूर हो गया।’शाम 6:04 बजे चांद की सतह पर उतरने का प्लानउधर, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 शाम 6:04 बजे चांद की सतह पर उतरने वाला है। इसरो का मिशन चांद की सतह की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार को संगठन ने लैंडर इमेजर कैमरा 4 से ली गईं चांद की तस्वीरें शेयर की थीं।इसरो ने यह भी घोषणा की कि मिशन तय समय के अनुसार चल रहा है। सिस्टम की नियमित जांच हो रही है। यह अपडेट इसरो के सीनियर साइंटिस्ट नीलेश एम. देसाई के एक बयान के मद्देनजर आया। देसाई ने कहा था कि लैंडर की स्थिति की जांच की जाएगी। उसके आधार पर लैंडिंग पर फैसला लिया जाएगा। अगर लैंडर की स्थिति सही नहीं रही तो लैंडिंग 27 अगस्त तक के लिए टल सकती है।भारत पर टिकी होंगी दुनिया की निगाहेंरूस के लूना-25 मिशन के नाकाम होने के बाद अब दुनिया की निगाहें भारत पर होंगी। लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण भारतीय समयानुसार बुधवार शाम 5:20 बजे से शुरू होगा। लैंडिंग की लाइव गतिविधियां इसरो वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, फेसबुक और पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीडी नेशनल टीवी पर उपलब्ध होंगी।चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरते ही भारत इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।