लीबिया में फंसे थे 17 भारतीय, ट्यूनीशिया की इंडियन ऐंबेसी ने बचाई जान, एस जयंशकर ने की तारीफ

नई दिल्ली: ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास की ओर से लीबिया से 17 युवाओं को सफलतापूर्वक वापस लाए जाने की विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तारीफ की है। जयशंकर ने X(पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि भारतीय समुदाय कल्याण कोष को मोदी सरकार लगातार मजबूत कर रही है। और ऐसे अवसरों पर विशेष रूप से उपयोगी भी है।अच्छा काम… जयशंकर ने बांधा पुलट्विटर या कहें कि ‘X’पर जयशंकर ने एक पोस्ट में ट्यूनिशिया में भारती दूतावास को टैग करते हुए लिखा कि अच्छा काम मोदी सरकार का भारतीय समुदाय कल्याण कोष को मजबूत किया जाना ऐसे अवसरों पर विशेष रूप से उपयोगी है। भारतीय दूतावास ने 19 अगस्त को पंजाब और हरियाणा के 17 भारतीयों कोलीबिया से सफलतापूर्वक बाहर निकाला था। ये 17 लोग विगत फरवरी से हिरासत में थे। वे लीबिया में इसलिए फंस गए थे क्योंकि उन्हें इटली भेजने के बहाने कुछ ट्रैवल एजेंटों ने धोखा दिया था।इस AAP सांसद का अहम रोलबता दें कि पिछले 6 महीने से, लगभग 17 युवा विभिन्न राज्यों से, जिनमें से 8 हरियाणा से, 4 पंजाब से, एक जम्मू से और दूसरा शिमला, हिमाचल प्रदेश से थे, इटली जाने वाले थे, लेकिन वे लीबिया पहुंच गए और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके निकासी में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विक्रमजीत सिंह साहनी ने इन युवाओं से संपर्क किया और बाद में विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और इन पुरुषों को लीबिया से निकालने के लिए पत्र लिखे… जिसके बाद उन्होंने भारतीय दूतावास के राजदूत से संपर्क किया और उनसे इन पुरुषों को भारत लाने का अनुरोध किया।सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ पर, विक्रमजीत सिंह साहनी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इन युवाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया, जिन्होंने इटली जाने की योजना बनाई थी लेकिन उन्हें लीबिया भेज दिया गया था। उन्होंने लिखा कि अकालपुरख वाहेगुरु जी के आशीर्वाद से हमने पंजाब और हरियाणा के 17 युवाओं को लीबिया में मौत के घाट उतारने से सफलतापूर्वक बचा लिया है, जहां 13 लाख रुपये लेकर बेईमान एजेंटों ने उन्हें धोखा दिया था। आप सांसद ने पंजाब के सीएम भगवंत मान और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर कोटैग करते हुए लिखा कि एजेंटों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए जिन्होंने इस जघन्य अपराध को किया है