कब तक होगा ऐलानसूत्रों ने कहा है कि भाजपा अब चुनाव से बहुत पहले इनमें से कई लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने पर विचार कर रही है जिससे उम्मीदवार फायदा उठा सकें और उन्हें अपनी और पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इनमें से अधिकांश सीटें दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में हैं, जहां भाजपा ने अभी तक अपने दम पर सत्ता हासिल नहीं की है। शायद इसीलिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि यहां थोड़ी जल्दी होनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि इन कमजोर लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा पर अंतिम निर्णय इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के ठीक बाद लिया जा सकता है।MP-छत्तीसगढ़ में दिखा ट्रेलर160 लोकसभा सीटों में ज्यादातर वे सीटें शामिल हैं जो भाजपा ने 2019 में गंवाई थीं। वैसे कुछ जीतने वाले निर्वाचन क्षेत्र भी सूची में शामिल हैं क्योंकि पार्टी का मानना है कि वे सीटें स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक फैक्टर्स के कारण चुनौती बनी हुई हैं। रोहतक और बागपत जैसी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, लेकिन वे भी इनमें शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपनी संगठनात्मक मशीनरी का विस्तार करने और इन 160 सीटों पर मतदाताओं तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है।भाजपा ने इसी तरह 2019 के चुनावों में मुश्किल सीटों की लिस्ट तैयार की थी और उनमें से बड़ी संख्या में जीत हासिल की थी। 2014 में 282 की तुलना में भाजपा 2019 में 543 सदस्यीय संसद में 303 सीटें जीतने में कामयाब रही।हाल ही में, भाजपा ने शायद पहली बार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के लिए कई उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जबकि अभी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी नहीं हुई है। इसे लोकसभा चुनाव वाली रणनीति का ट्रेलर माना जा रहा है।