शशि थरूर को क्‍यों लगता है 2047 तक भारत के महाशक्ति बनने के बारे में बोलना जल्दबाजी?

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को बड़ा बयान दिया। उन्‍होंने कहा कि जब देश ‘कठिन समय’ से गुजर रहा है तो सुदूर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि अभी महाशक्ति के बारे में बोलना जल्दबाजी होगा। कारण है कि हमारे बहुत से लोग अब भी अत्यंत गरीब हैं। थरूर का यह बयान ऐसे वक्त आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्‍यू में कहा कि उन्‍हें यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों में शुमार होगा। हमारे गरीब पूर्ण रूप से गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के बदलाव दुनियाभर में सबसे अच्छे होंगे। भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता का हमारे राष्ट्रीय जीवन में कोई स्थान नहीं होगा।प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण 2047 पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा, ‘महाशक्ति होने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हमारे बहुत से लोग अब भी बेहद गरीब हैं। हमें अभी पहले गरीबों, हाशिए पर रहने वाले लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना होगा।’तिरुअनंतपुरम के सांसद ने कोट्टायम में कहा, ‘देश अब तेज महंगाई, कम रोजगार के मामले में कठिन समय से गुजर रहा है। वास्तव में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है और अगर लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं तो वे अपनी सभी आवश्यक वस्तुओं के लिए उच्च कीमतें कैसे वहन कर सकते हैं। इन परिस्थितियों में अब से 25 साल बाद के सुदूर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।’उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम आज के लोगों के लिए क्या कर सकते हैं।’ इसके पहले इंटरव्‍यू में मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत को एक अरब से अधिक भूखे पेटों वाले देश के रूप में माना जाता था। लेकिन अब भारत को एक अरब से अधिक महत्वाकांक्षी मस्तिष्क, दो अरब से अधिक कुशल हाथों और करोड़ों युवाओं के देश के रूप में देखा जा रहा है।उन्होंने कहा, ‘2047 तक की अवधि एक बहुत बड़ा अवसर है। इस कालखंड में रहने वाले भारतीयों के पास विकास की ऐसी नींव रखने का शानदार मौका है जिसे अगले 1,000 वर्षों तक याद किया जाएगा!’