श्रीप्रकाश शुक्ला, सुनील शेट्टी का फोटो, कल्याण सिंह और वो पहला एनकाउंटर | Navbharat Timesअनुराग मिश्र, नवभारतटाइम्स.कॉमAug 21, 2023यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) 1998 में बनी थी। इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है। तब न सर्विलांस डिवाइस थे न कंप्यूटर। पुलिसवाले माउस छूने से भी डरते थे। रिटायर्ड IPS अधिकारी राजेश पांडे बताते हैं कि शुरू में STF अस्थायी तौर पर बनी थी। कहा गया कि यह छह महीने के लिए है। मुख्य उद्देश्य गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का सफाया था। उस समय के कई गैंगस्टर राजनीति में आने लगे थे। अपराधियों से निपटने के लिए तब कल्याण सिंह सरकार ने 17 लोगों की टीम के साथ यूपी STF बनाने का फैसला किया।पांडे ने कहा, ‘तब अफवाह उड़ी कि शुक्ला ने तत्कालीन यूपी सीएम कल्याण सिंह को मारने की सुपारी ले ली है।’ शुक्ला यूपी में शायद पहला शख्स था जिसने AK-47 का इस्तेमाल किया था। पांडे बताते हैं कि हमारी टीम के पास एक कंप्यूटर नहीं था, पुलिसवाले माउस से डरते थे कि कहीं करंट न मार दे। एक इंस्टिट्यूट से पुलिसवालों को समझाया गया। हालांकि शुक्ला तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। उसकी पहचान करने के लिए पुलिस के पास एक भी फोटो नहीं था। शुक्ला लोगों में खौफ पैदा करने के लिए कई गोलियां मारता था जिससे आसानी से वसूली हो सके। गोरखपुर में एक फोटो स्टूडियो वाले ने उसकी फोटो ली तो जान गंवानी पड़ी। तभी STF को एक तस्वीर मिली। भतीजी के बर्थडे पार्टी में शुक्ला भी दिखा। हालांकि गैंगस्टर का पूरा फोटो नहीं था। सुनील शेट्टी के फोटो पर शुक्ला का चेहरा लगाकर पूरी तस्वीर बनाई गई। IIT कानपुर के एक छात्र की मदद से शुक्ला के फोन पर होने वाली बातचीत ट्रैक करने के लिए डिवाइस बनी। 5000 रुपये खर्च हुए। यह शायद भारत में टेलिफोन टैपिंग का पहला केस था। पांडे कहते हैं कि 90 के दशक में यूपी में क्राइम चरम पर था। STF का फायदा हुआ और उसी साल एनकाउंटर में शुक्ला को ढेर कर दिया गया। इसके बाद एसटीएफ परमानेंट हो गई। Thanks For Reading!Next: Naglok on Earth: भारत का वो शहर जिसे कहते हैं ‘धरती का नागलोक’, देखिए जरा…Find out More