डोभाल ने अल-ईसा के संदेश का मतलब समझाया। उन्होंने कहा, ‘हम सद्भाव में रहते हैं, हम शांति से रहते हैं यदि आप मानवता के भविष्य की रक्षा करना चाहते हैं…। डोभाल ने कहा, ‘इस्लाम, दुनिया के धर्मों के बारे में आपकी गहरी समझ और अंतर-धार्मिक सद्भाव की दिशा में आपके निरंतर प्रयास, सुधारों के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ने का साहस इसने न केवल इस्लाम की बेहतर समझ और मानवता के लिए इसके योगदान में योगदान दिया है, बल्कि चरमपंथी और कट्टरपंथी विचारधाराओं को युवा दिमाग पर हावी होने से भी रोका है…।’