विपक्ष ने मुद्दा भुनाया तो बीजेपी पर बढ़ा दबावविपक्ष ने सिलिंडर को लेकर समाज में बढ़ रहे रोष को भुनाना शुरू किया तो सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर दबाव बढ़ गया। खासकर कांग्रेस ने इसे हिमाचल प्रदेश चुनाव, कर्नाटक चुनाव में मुद्दा बनाया तो वहीं राजस्थान सरकार ने बढ़त लेते हुए अपने यहां 500 रुपये में सिलिंडर देने का ऐलान कर दिया।कर्नाटक में हार के पीछे की वजह रहा महंगा सिलिंडरकर्नाटक में बीजेपी की हार के पीछे एक कारण सिलिंडर की कीमतों के चलते महिलाओं में नाराजगी भी वजह निकलकर सामने आई। राजस्थान में गहलोत सरकार इंदिरा गांधी गैस सब्सिडी योजना के तहत इस साल अप्रैल से 500 रुपये में सिलिंडर दे रही है तो वहीं हाल ही में मध्य प्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार ने 450 रुपये में सिलिंडर देने का ऐलान किया। हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया था कि देश में सबसे सस्ता सिलिंडर देने वाला एकमात्र राज्य राजस्थान है, जहां 500 रुपए में सिलिंडर मिल रहा है।33 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को मिलेगा फायदामाना जा रहा है कि बीजेपी सरकार के इस फैसले से देश के 33 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को फायदा मिलेगा। वहीं उज्जवला योजना के तहत 10 करोड़ महिलाओं को 400 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। हालांकि इस राहत के बाद कहीं न कहीं विपक्ष पर अब सरकार के कदम की काट निकालने का दबाव भी बढ़ेगा।सिलिंडर के पीछे सियासी गणितकभी उज्जवला योजना से बड़ा सियासी लाभ लेने वाली बीजेपी हाल के समय में महंगे सिलिंडर को लेकर सियासी दबाव में आई। पार्टी को मिले फीडबैक के अनुसार कर्नाटक चुनाव में हार के एक अहम कारण में सिलिंडर की कीमत और महंगाई भी कारक रही। दरअसल, सिलिंडर महंगाई की प्रतीक बना और यहीं विपक्ष को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मजबूत बीजेपी से मुकाबला के लिए पिच दिखा। अब जबकि केंद्र सरकार ने इसमें बड़ी कटौती का ऐलान किया, विपक्ष भी अब इसमें और लुभावने वादे के साथ आ सकता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और आम चुनाव से पहले वोटर को लुभाने का दौर जारी रह सकता है। चूंकि अब सभी राजनीतिक दल मुफ्त और सस्ती चीजों के वादे में उतर गई है, ऐसे में मुफ्त की कल्याणकारी योजनाओं पर जारी बहस पर भी अभी चुनाव तक विराम लग सकती है।