सिवन के वो आंसू नहीं, चांद जीतने की जिद थी…और पूरी हो गई भारत की तपस्या – chandrayaan 3 creates history as lander vikram landed on moon surface k sivan is happy now

नई दिल्ली : 23 अगस्त 2023। शाम के 6 बजकर 4 मिनट पर जैसे ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की, करोड़ों भारतीय जश्न में डूब गए। बेंगलुरु में इसरो के मिशन ऑपरेशन कमांड सेंटर में वैज्ञानिक खुशी से झूम गए। तालियों की गड़गड़ाहट और चेहरों पर मुस्कान बता रही थी कि उपलब्धि कितनी असाधारण है। पहली बार कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने में कामयाब हुआ। देशभर में करोड़ों लोग टकटकी लगाकर लाइव टेलिकास्ट देख रहे थे। कोई टीवी से चिपका था तो कोई मोबाइल फोन पर नजरें गड़ाया था…जैसे ही विक्रम ने चांद को चूमा हमारा न्यूजरूम भी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया। इस कामयाबी के साथ ही 4 साल पहले चंद्रयान 2 मिशन के दौरान जो कसर रह गई थी, उसे इसरो के वैज्ञानिकों के पूरा कर दिखाया। तब चांद से महज चंद कदम पहले अपना लैंडर खो गया था और उसके क्रैश लैंडिंग के साथ ही करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिल टूट गए थे। आंखों के सामने आज भी वो मंजर घूमते हैं जब तत्कालीन इसरो चीफ के. सीवन फूट-फूटकर रोने लगे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें ढांढस बंधा रहे थे। सिवन के वो आंसू चांद जीतने की जिद बन गए और आज इसरो के वैज्ञानिकों ने चांद को मुट्ठी में कर ही लिया।7 सितंबर 2019, देर रात 1 बजकर 38 मिनट पर चंद्रयान 2 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हुई थी। दहशत के उन आखिरी 15 मिनट का काउंटडाउन शुरू हो चुका था जिसके बारे में तत्कालीन इसरो चीफ के. सिवन पहले ही चेतावनी दे चुके थे। लैंडर का रफ ब्रेकिंग फेज शुरू हुआ। 3 मिनट के भीतर ही उसकी रफ्तार 1680 मीटर प्रति सेकंड से घटकर 360 मीटर प्रति सेकंड हो चुकी थी। बेंगलुरु स्थित इसरो के मिशन कंट्रोल रूम में माइक पर अनाउंस हुआ- लैंडर की रफ्तार अब 50 प्रतिशत तक कम हो चुकी है और सबकुछ वैसे ही हो रहा है जो पहले से तय था। 1 बजकर 48 मिनट पर रफ ब्रेकिंग फेज भी कामयाबी से पूरा हो गया और विक्रम चांद की सतह से सिर्फ 7.4 किलोमीटर दूर था।इसके बाद शुरू हुआ फाइन ब्रेकिंग फेज। घड़ी की सूइयों ने जब 1 बजकर 51 मिनट बजाया तब लैंडर की रफ्तार घटकर 96 मीटर प्रति सेकंड हो चुकी थी। 2 मिनट बाद यानी 1 बजकर 53 मिनट पर इसरो के मिशन कंट्रोल रूम में विशाल स्क्रीन पर दिख रहा था कि विक्रम चांद की सतह से महज 300 मीटर दूर है। मिशन कंट्रोल में अचानक सन्नाटा छा गया। सभी चेहरों पर तनाव साफ दिख रहा था। कुछ देर बाद सिवन प्रधानमंत्री मोदी की तरफ बढ़ते हैं और उन्हें कुछ बताते हैं। फिर वो अपनी सीट पर लौट जाते हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या? तभी सिवन की माइक पर आवाज गूंजती है कि जब विक्रम चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था, तब ग्राउंड स्टेशन से उसका संपर्क टूट गया। इस घोषणा के साथ ही करोड़ों दिल बैठ गए। पीएम मोदी ने मिशन कंट्रोल रूम में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। सुबह प्रधानमंत्री फिर इसरो कंट्रोल रूम पहुंचे और फिर वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। के. सिवन पीएम मोदी को छोड़ने उनके कार तक पहुंचे और अचानक फूट-फूटकर रोने लगे। तब पीएम ने उन्हें गले लगा लिया और हौसला बढ़ाया। तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके पुरुषार्थ से देश फिर खुशी मनाने लगेगा। 4 साल बाद खुशी का वही मौका है जब भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बनने का गौरव हासिल किया है। के. सिवन के आंसू चांद को जीतने की जिद बन गए और आज वो जिद पूरी हो गई।