सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का स्टेट दर्जा बहाल करने का टाइमफ्रेम पूछा लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से जुड़े आर्टिकल 370 को समाप्त करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ी बात कही। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा और रोडमैप को स्पष्ट करने की बात कही। SC ने कहा कि लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण है। दरअसल, केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थायी नहीं था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब चीजें समान्य हो जाएंगी तो J&K को फिर से राज्य का दर्जा मिल जाएगा। पांच जजों की बेंच करीब दो हफ्ते से मामले पर सुनवाई कर रही है। आइए जानते हैं आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की पांच बड़ी बातें।1. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछासरकार ने अगस्त 2019 में जब आर्टिकल 370 को खत्म करने का फैसला किया था, तब जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील कर दिया था। एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख यूटी बना था। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एसजी तुषार मेहता से कहा कि क्या आप राज्य को यूटी में तब्दील कर सकते हो? क्या किसी राज्य से यूटी बनाया जाता सकता है? इस पर मेहता ने असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का उदाहरण दिया।जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर संसद में एक बयान दिया गया है। प्रयास किए जा रहे हैं… एक बार स्थिति सामान्य होती है तो जम्मू-कश्मीर फिर से स्टेट होगा।सॉलिसिटर जनरल मेहता, सुप्रीम कोर्ट में2. लद्दाख बना रहेगा केंद्रशासित प्रदेश: केंद्रआज केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमें जानकारी दी गई है कि जम्मू-कश्मीर का केंद्रशासित दर्जा स्थायी नहीं है और इसका राज्य का स्टेटस बहाल किया जाएगा। लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा।3. CJI ने पूछा कब होंगे चुनाव?जब एसजी ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर का यूटी स्टेटस स्थायी नहीं है। इस पर चीफ जस्टिस ने टाइम के बारे में पूछा और कहा, ‘यह कितना अस्थायी है? आप चुनाव कब कराने जा रहे हैं?’ SG ने जवाब दिया कि वह इस मामले पर निर्देश लेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।