कोटा में कोचिंग के लिए कितने स्टूडेंट्स आते हैंकोटा में जुलाई से अगले साल जनवरी के बीच 1.8 लाख छात्र आते हैं। यह कोचिंग के लिए पीक सीजन होता है। छात्रों की वजह से शहर की नियमित आबादी- 14.7 लाख में करीब 12% का इजाफा कर देते हैं। इन स्टूडेंट्स में ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से होते हैं।कोटा में किताबों का मार्केट कितना बड़ा हैकोटा एक कोचिंग हब है, इसलिए किताबों के लिए यहां एक बड़ा बाजार है। स्टूडेंट्स हर साल 50 लाख किताबें खरीदते हैं, जिनकी कीमत 40 से 50 करोड़ रुपये बैठती है। हर एक स्टूडेंट के लिए किताबों और स्टेशनरी पर खर्च 8,000-10,000 रुपये आता है। छात्रों को यूनिफॉर्म की भी जरूरत होती है, इसलिए हर साल लगभग 6 लाख यूनिफॉर्म्स (हर एक की कीमत 500-600 रुपये) बेची जाती है। चूंकि ज्यादातर टीनएजर हैं, वे फैशनेबल कपड़े भी खरीदते हैं। कुल मिलाकर हर साल लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च करते हैं।कोटा में खाने पर कितना खर्च होता हैट्यूशन और रहने के बाद तीसरा सबसे बड़ा खर्च है- खाना। हॉस्टल से अलग किराए पर रहने वाले छात्र हर साल खाने पर 40,000-50,000 रुपये खर्च करते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट – ऑटो रिक्शा, वैन और बसें बहुत महंगी नहीं हैं। छात्रों को डेली 30-50 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इसके बावजूद कोटा मे हर साल लगभग 20,000 स्टूडेंट्स नई साइकिल खरीदते हैं।कोटा के कोचिंग सेंटर्स में टीचर्स की सैलरी कितनी हैकुछ 20-30 ‘स्टार’ टीचर्स साल में 1 करोड़ से ज्यादा कमाते हैं। सबसे बड़ा पैकेज 2 करोड़ रुपये का है। कोचिंग संस्थानों में 4,000-5,000 शिक्षकों के लिए शुरुआती पैकेज 8 लाख सालाना या 67,000 रुपये प्रति माह है। मोटे तौर पर 10% शिक्षक आईआईटीयन हैं।