15 जून को बिपरजॉय से सबसे अधिक खतरा, किन राज्यों में तेज बारिश और कहां नुकसान की आशंका, IMD ने बताया

नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रविवार यह अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया और इसके 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले पहुंचने की संभावना है। सबसे अधिक खतरा 15 जून को ही है। मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चक्रवात के संबंध में एक अलर्ट भी जारी किया है।15 जून की दोपहर को अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के सौराष्ट्र एवं कच्छ और मांडवी (गुजरात) के तटों से गुजरने की संभावना है। 15 जून के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है साथ ही बताया है किन जगहों पर तेज बारिश हो सकती है।डॉ. मृत्युंजय महापात्रा,मौसम विज्ञान महानिदेशक, IMD ने रविवार बताया कि चक्रवात बिपरजॉय पोरबंदर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 450 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके उत्तर में बढ़ने का अनुमान है। 15 जून की दोपहर कच्छ तट को पार करेगा जिसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रतिघंटा का पूर्वानुमान है।15 जून को सबसे अधिक खतरा है और सब लोगों को घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रहें। इसके आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं जिसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में व्यवधान आ सकता है। इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा।IMD के अनुसार बिपरजॉय उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में चार दिनों में बारिश की संभावना है। केरल और कर्नाटक में सोमवार भारी बारिश की संभावना है। गुजरात में अगले चार दिन में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है, खासकर सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में हवा की गति तेज रहेगी।मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पई ने कहा कि आने वाले दिनों में उस सटीक जगह का पता चल जाएगा, जहां से चक्रवात गुजरेगा। बिपरजॉय के छह जून को विकसित होने के बाद से इसके मार्ग और तीव्रता को लेकर काफी अनिश्चितता की स्थिति है। तूफान शुरुआती दिनों में तेजी से मजबूत हुआ और अरब सागर के गर्म होने के कारण यह मजबूती बरकरार रही। मौसम विभाग ने 15 जून तक सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी है और मछुआरों को 12 से 15 जून के बीच मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर तथा 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के पास नहीं जाने का निर्देश दिया है।