नई दिल्ली: भारत में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर उठती आवाजों के बीच एनएसए अजित डोभाल ने बड़ा बयान दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि भारत में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले भारत में मुस्लिमों की आबादी दूसरे नंबर पर है। इस आबादी के पैमाने को समझाने के लिए डोभाल ने उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की यह आबादी इस्लामिक को-ऑपरेशन के 33 सदस्य देशों की कुल आबादी के करीब-करीब बराबर है। अजित डोभाल ने यह बात सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री अल-ईसा के सामने कही। अल-ईसा को दुनियाभर में नरमपंथी इस्लाम की आवाज माना जाता है। अल-ईसा भारत के पांच दिवसीय दौर पर हैं। राजधानी में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंगलवार को दोनों ने मंच साझा किया।भारत में मुस्लिमों को लेकर जताई जा रही चिंंतापूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, उद्योगपति जॉर्ज सोरोस से लेकर आरबीआई के गवर्नर रह चुके रघुराम राजन भारत में मुस्लिमों की हालत पर चिंता जता चुके हैं। अजित डोभाल ने इस तरह की चिंता को सिरे से खारिज किया है। साथ ही ऐसी बातों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने अल-ईसा के सामने भारत में मुस्लिमों की आबादी का जिक्र कर इस तरह की बातों की हवाइयां उड़ा दीं।भारत में समान नागरिक संहिता पर चर्चा, दिल्ली क्यों आ रहे सऊदी प्रिंस के करीबी ईशा, मुस्लिमों में हैं लोकप्रियडोभाल ने कहा कि भारत में कोई भी बिना किसी जाति-धर्म और रंगभेद के पूरी आजादी के साथ रह सकता है। वह बोले कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है। इस्लामिक को-ऑपरेशन के 33 सदस्य देशों की कुल आबादी के यह करीब-करीब बराबर है।इतिहासकारों से समझने में हुई चूकएनएसए बोले कि भारत में इस्लाम 7वीं सदी में आया। पैगंबमर मोहम्मद के वक्त यह आया था। भारत में गहरी समझ रखने वालों हिंदुओ के साथ मुस्लिमों का समागम हो गया। इसने एक नए समाज को गढ़ा और विकसित किया। इतिहासकार यह समझने में चूक गए कि इसके कारण लोग एकसाथ कैसे आए। उनका फोकस राजनीतिक घटनाक्रम तक सीमित रहा। अजित डोभाल ने पवित्र कुरान का जिक्र कर कहा कि यह सभी को एकसाथ रहने के लिए प्रेरित करती है। इस्लाम सहयोग की बात करता है।चोरी के लिए हाथ कटवाओ न? खान सर ने UCC पर मौलानाओं की लगाई क्लास, बताई विरोध की वजहइसके अलावा डोभाल ने आतंकवाद के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। देश ने 2008 मुंबई हमले सहित कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने सहित विभिन्न माध्यमों से आतंकवाद से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।