हाइलाइट्स:केरल हाईकोर्ट ने राजद्रोह के मामले में लक्षद्वीप की फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना को दी राहत एक टेलीविजन शो के दौरान ‘बायो वेपन’ कमेंट को लेकर सुल्‍ताना पर दर्ज है राजद्रोह का केस कोर्ट ने आयशा सुल्ताना की अग्रिम जमानत की याचिका पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लियाकेरलकेरल हाईकोर्ट ने राजद्रोह के मामले में लक्षद्वीप की फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना को (Lakshadweep filmmaker Aisha Sultana) बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को आयशा सुल्ताना को इस महीने की शुरुआत में एक टेलीविजन शो के दौरान ‘बायो वेपन’ कमेंट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी से एक सप्ताह के लिए अंतरिम राहत दी है।जस्‍ट‍िस अशोक मेनन की स‍िंगल बेंच ने भी सुल्ताना को जांच में सहयोग करने और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 ए के तहत आवश्यक पूछताछ के लिए लक्षद्वीप में पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आयशा सुल्ताना की अग्रिम जमानत की याचिका पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल लक्षद्वीप प्रशासन ने आयशा सुल्ताना की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया है।लक्षद्वीप प्रशासन ने क‍िया था व‍िरोधप्रशासन ने केरल हाईकोर्ट में दायर एक बयान में कहा था कि आयशा सुल्ताना की जमानत याचिका विचार करने योग्‍य नहीं है क्योंकि लक्षद्वीप स्थित फिल्म निर्माता ने किसी भी वास्तविक और वास्तविक “विश्वास करने का कारण” का कोई सटीक कारण नहीं बताया है कि उसे गिरफ्तार किया जाएगा। आयशा सुल्ताना ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने देश या केंद्र सरकार पर हमला नहीं किया।फेसबुक पोस्‍ट में कही थी ये बातसुल्‍ताना ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा क‍ि मैं पटेल के कुछ फैसलों का जिक्र कर रही थी, जिससे स्थानीय लोग नाराज हो गए थे। लोकप्रिय भावनाओं के बावजूद, वह लोगों का विरोध करना जारी रखते हैं। एक स्थानीय निवासी के रूप में मुझे उनकी आलोचना करने का पूरा अधिकार है।यह है पूरा मामलादरअसल एक नेता ने फिल्मकार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि सात जून को एक टीवी परिचर्चा के दौरान आयशा सुल्ताना ने केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के प्रसार को लेकर के गलत खबर फैलायी है। शिकायत में कहा गया था कि एक मलयालम चैनल पर चर्चा के दौरान सुल्ताना ने कथित तौर पर कहा था कि केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप के लोगों के खिलाफ जैविक हथियार का इस्तेमाल किया है। प्रशासन ने बयान में कहा कि सुल्ताना ने कानून की ओर से स्थापित केंद्र सरकार के खिलाफ गंभीर परिणाम वाला एक आधारहीन बयान दिया। इसमें कहा गया है क‍ि एंकर की ओर से चेतावनी दिए जाने के बावजूद, उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कहा वह उस पर कायम है और यह भी कहा कि वह ऐसा बयान देने के लिए किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार है।36 घंटे में ‘तौकते’ मचा सकता है तबाही… गुजरात, केरल, लक्षद्वीप में रेड अलर्ट20 जून को कवरत्ती थाने में होना होगा पेशइसमें कहा गया है क‍ि याचिकाकर्ता (सुल्ताना) की की ओर से निराधार दावा भारत सरकार के प्रति लक्षद्वीप के लोगों में घृणा या अवमानना को पैदा करने के लिए पर्याप्त है। प्रशासन ने कहा कि इसे प्रथम दृष्टया भारत सरकार के प्रति लोगों में असंतोष पैदा करने का प्रयास माना जा सकता है। सुल्ताना ने अपनी याचिका में कहा था कि अगर वह कवरत्ती जाती हैं तो उन्हें गिरफ्तार किए जाने की आशंका है। पुलिस ने उन्हें 20 जून को कवरत्ती थाने में पेश होने के लिए कहा है।