हाइलाइट्स:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ मीटिंग करने वाले हैंइस मीटिंग में अमित शाह, राजनाथ सिंह और जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगेकश्मीरी नेता गृह मंत्री शाह को जम्मू-कश्मीर के लोगों से किया उनका वादा याद दिला सकते हैं नई दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के भविष्य की दशा और दिशा तय करने के लिए प्रदेश के प्रमुख 14 नेताओं की मीटिंग बुलाई है। वैसे तो कश्मीरी नेता बातचीत के एजेंडों को लेकर कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन उनके बयानों से यह साफ संकेत मिल रहा है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 371 और 35ए वापस किए जाने की मांग चर्चा के केंद्र में रहेगा। साथ ही कहा जा रहा है कि कश्मीर के नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जम्मू-कश्मीर की जनता से संसद में किया गया वादा भी याद दिलाएंगे। किस वादे की बात करेंगे कश्मीरी नेता?दरअसल, शाह से उनके जिस वादे की याद दिलाए जाने के संकेत दिए जा रहे हैं, वो जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर ही है। बीजेपी को छोड़ दें तो नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, अपनी पार्टी, सीपीएम, पैंथर्स पार्टी समेत तमाम राजनीतिक दल इसकी मांग 5 अगस्त, 2019 से ही कर रहे हैं जब केंद्र सरकार ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था।Gupkar Alliance : आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार पीएम मोदी से मिलेंगे अब्दुल्ला, मुफ्ती… किन एजेंडों पर बात करेगा गुपकर गठबंधनसंसद में शाह ने किया था कौन सा वादा?गृह मंत्री शाह ने इस वर्ष 13 फरवरी को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उचित समय आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा लौटा दिया जाएगा। लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, “मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।”…तब शाह ने विपक्ष को दी थी यह सलाहदरअसल, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने की बात उठाई। इसके जवाब में शाह ने कहा, “यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आए हो क्या? शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं। गृह मंत्री ने कहा, “मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो।”J&K Re-organisation Bill : लोकसभा में अमित शाह का ऐलान- उचित समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगाकश्मीरी नेताओं में तोल-मोल की हैसियत नहीं!बहरहाल, जम्मू-कश्मीर के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ कल की मीटिंग के लिए कड़ी मेहनत कर रहे एक सूत्र ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य का दर्जा वापस करने का वादा संसद के पटल पर किया था।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिल रहे जम्मू-कश्मीर के किसी नेता के पास तोल-मोल करने की बहुत क्षमता नहीं रह गई है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में निष्पक्षता से चुनी गई सरकार का गठन करना केंद्र सरकार का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दायित्व बन गया है। कल मोदी से मिलने वाले हर नेता को चुनावों में भाग लेने के सिवा शायद ही कोई विकल्प होगा।” ‘सितारे तो नहीं मांगूंगा, हमारा जो है, वही मांंगूंगा’एक राजनीतिक विश्लेषक ने भी कुछ ऐसी बातें कहीं। उन्होंने कहा, “आखिर मछली जल के बिना कैसे रह सकती है? चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का मतलब है कि नेताओं ने खुद ही अपनी अप्रासंगिकता स्वीकार कर ली है।” गुपकर गठबंधन के एक नेता ने कहा कि आर्टिकल 370, आर्टिकल 35ए और राज्य के दर्जे की वापसी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी ने तो यहां तक कह दिया कि हम केंद्र सरकार से सितारे नहीं मांगने जा रहे हैं। हम वहीं मांगेंगे जो हमारा है और जो हमारा ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर आर्टिकल 370 और 35ए बहाल करने की मांग पूरे विश्वास के साथ रखी जाएगी। मीटिंग में मौजूद रहेंगे ये नेताध्यान रहे कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए हटने के बाद वहां के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ पहली मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे। फारूख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आजाद, प्रफेसर भीम सिंह, सज्जाद लोन, सैयद अल्ताफ बुखारी, एमवाई तारिगामी के साथ-साथ प्रदेश बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेता और कुछ पूर्व उप-मुख्यमंत्रियों को कल की मीटिंग में शामिल होने का न्योता दिया गया है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।