नई दिल्ली: साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। आज शाम पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल सभी सदस्य शामिल होंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा आलाकमान केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकता है। उम्मीदवारों के नाम तय करने और चुनावी रणनीतियों पर मुहर लगाने वाली यह भाजपा की सबसे बड़ी समिति है। गौर करने वाली बात है कि आमतौर पर यह समिति चुनाव की घोषणा के बाद बैठक करती है। आज बैठक बुलाना पार्टी की नई रणनीति की तरफ इशारा कर रहा है।चुनाव समिति की बैठक कितनी अहमसामान्य रूप से जब भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा करनी होती है, भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होती है। इस समय किसी भी राज्य में चुनावी कार्यक्रम या कहें कि चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अभी 2 से 3 महीने का वक्त बचा है। ऐसे में पार्टी आलाकमान की ओर से केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाने से सभी अचंभित हैं।Bageshwar Bypoll: भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा का सवाल बना बागेश्वर उपचुनाव, सेंधमारी का खेल जारीकैसा अनोखा फैसला होने वाला है?हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एमपी और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों की उन कमजोर सीटों को लेकर मंथन किया जाएगा जिन पर पार्टी को कभी जीत हासिल नहीं हुई या अगर पार्टी जीती है तो अंतर बहुत कम रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बार एक अनोखा फैसला करते हुए इन कमजोर सीटों के लिए पहले ही अपने उम्मीदवारों का नाम फाइनल कर लेना चाहती है। नाम की घोषणा भले ही पार्टी न करे, लेकिन पार्टी संगठन के द्वारा इन नेताओं तक सूचना भेज दी जाएगी।Rajatshan Chunav: दिग्गजों के कटेंगे टिकट! चुनाव में कांग्रेस उतार सकती 60 नए चेहरे, पढ़िये क्या है प्लानिंगइसके बाद ये नेता पार्टी संगठन और नेतृत्व के साथ मिलकर उन कमजोर सीटों पर अपना-अपना अभियान शुरू कर देंगे, ताकि चुनावी कार्यक्रम शुरू होने के समय भाजपा के उम्मीदवार कांग्रेस उम्मीदवारों की तुलना में काफी आगे रहे और शुरुआत से ही बढ़त बना सके। आज बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और मध्य प्रदेश के चुनावी अभियान से जुड़े भाजपा के अन्य नेता भी शामिल हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव सहित वहां चुनाव प्रचार अभियान से जुड़े वरिष्ठ नेता भी मौजूद रह सकते हैं।कर्नाटक हार के बाद बीजेपी का प्लानदरअसल, कर्नाटक चुनाव में हार के बाद भाजपा आगे के प्लान में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती है। कुल पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, एमपी और तेलंगाना में चुनाव होने हैं। इनमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विपक्षी दलों की सरकारें हैं और बीजेपी इस बार जीतने की पूरी कोशिश करेगी।राज्यों के चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उसके बाद लोकसभा चुनाव अगले साल होने हैं। विधानसभा चुनावों से ही आगे का माहौल तैयार होगा। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A बना लिया है। इन चुनावों के नतीजे अगले साल के लिए बड़ा संदेश देंगे।