नई दिल्ली : कांग्रेस ने ‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से राहुल गांधी को राहत मिलने को लोकतंत्र, संविधान, सत्य और जनता की जीत करार दिया। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि इससे भारतीय जनता पार्टी की साजिश बेनकाब हो गई है। राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है और वह ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ की रक्षा करने के अपने कर्तव्य को निभाते रहेंगे। कांग्रेस नेता ट्विटर पर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। कोई इसे सत्य की जीत बता रहा तो कोई ये लिख रहा कि फिर से चलेगी सवालों की आंधी, जब संसद में लौटेंगे राहुल गांधी।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे, लेकिन अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगते हैं।उच्चतम न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया।न्यायालय से राहत मिलने की खबर मिलते ही कांग्रेस मुख्यालय ’24 अकबर रोड’ में पार्टी के नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हो गए। कार्यकर्ताओं ने ढोल बजाकर जश्न मनाया।राहुल गांधी भी अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।शीर्ष अदालत का आदेश आने के तत्काल बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी की सत्यस्ता तत्काल बहाल करने का आग्रह किया।चौधरी के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से संबंधित कागज मिलने के बाद वह कोई फैसला लेंगे।चौधरी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति मिलने के साथ ही वह बिरला से एकबार फिर मुलाकात करेंगे।खरगे ने राहुल गांधी की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा ‘आज खुशी का, बड़ा दिन है। यह सिर्फ राहुल गांधी की ही जीत नहीं है। यह संविधान की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है। सत्यमेव जयते।’कांग्रेस अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा ‘हम फैसले का स्वागत करते हैं। अभी संविधान जिंदा है। न्याय मिल सकता है और यह उम्मीद अभी बाकी है।’खरगे ने कहा ‘राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे। अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे। हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का इंतजार करेंगे।’इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की साजिश बेनकाब हो गई है।राहुल गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है। मुझे क्या करना है, उसे लेकर मेरे मन में स्पष्टता है।’उन्होंने लोगों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भगवान बुद्ध को कोट करते हुए कहा, ‘तीन चीजों को लंबे समय तक छिपाया नहीं जा सकता: सूर्य, चंद्रमा और सत्य।’उन्होंने कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद। सत्यमेव जयते।’कांग्रेस प्रवक्ता और इस मामले में राहुल गांधी के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘फिर से चलेगी सवालों की आंधी, जब संसद में लौटेंगे राहुल गांधी। अब हम संसद में बड़ी उत्सुकता के साथ जनता से जुड़े मुद्दों पर राहुल गांधी जी की बुलंद आवाज सुनने को तैयार हैं।’उन्होंने कहा कि फैसले के कुछ पंक्तियों पर जोर देने की जगह इस पर ध्यान देना चाहिए कि शीर्ष अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाई है।सिंघवी ने कहा, ‘इस आदेश के बाद विपक्षी नेताओं को अनर्गल तरीके से निशाना बनाए जाने का सिलसिला पूरी तरह नहीं रुका, तो कुछ हद तक जरूर थमेगा।’कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि राहुल गांधी अब नायक बन गए हैं और आने वाले दिनों में राजनीतिक लड़ाई में उन्हें कोई पराजित नहीं कर सकता।पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने राहुल गांधी को राहत मिलने का स्वागत करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को उनकी सदस्यता तत्काल बहाल करनी चाहिए।शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दोषसिद्धि पर रोक लगाने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी उपनाम’ के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।