नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है। इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी पहले के मुकाबले अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। बताया जा रहा है कि इसके लिए पार्टी की ओर कई सीटों की पहचान की गई है। ऐसी करीब 66 सीटें हैं। अल्पसंख्यक मोर्चा का कहना है कि 66 सीटों पर पार्टी मुस्लिम उम्मीदवारों को उतार सकती है। इस तरह की चर्चा उस वक्त हो रही है जब वर्तमान में पार्टी का कोई सांसद न ही लोकसभा में है और न राज्यसभा में। इसके अलावा राज्यों में भी गिनती के मुस्लिम विधायक हैं। हालांकि बीजेपी ने अभी हाल ही में यूपी निकाय चुनाव के दौरान मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव में उतारे। इसके साथ ही भाजपा ने पसमांदा मुसलमानों से नजदीकी बढ़ाई। इन सबके बीच पिछले तीन लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो इसको लेकर सवाल है।बीजेपी ने कितने मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया टिकटनरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने साल 2014 और 2019 के आम चुनाव में शानदार जीत हासिल की। बीजेपी की सीटों का आंकड़ा 300 के पार रहा लेकिन इसमें कोई मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीतकर लोकसभा नहीं पहुंचा। लोकसभा चुनाव में पार्टी का कोई मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल नहीं रहा। 2014 में बीजेपी ने सात मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। हालांकि, वे सभी हार गए, जिसमें शाहनवाज हुसैन भी शामिल थे। 2019 में भगवा पार्टी ने छह मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जम्मू- कश्मीर में तीन, पश्चिम बंगाल में दो और लक्षद्वीप में एक लेकिन फिर से उनमें से कोई भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुआ। 2009 में बीजेपी ने 4 मुस्लिम उम्मीदवारों मैदान में उतारा और उसमें सिर्फ शाहनवाज हुसैन ही जीतने में कामयाब हुए।लोकसभा चुनावमुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या (BJP)जीत2009 लोकसभा चुनाव412014 लोकसभा चुनाव702019 लोकसभा चुनाव60भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब 2014 के आम चुनाव में जीत के बाद जिस पार्टी की सरकार बनी उस पार्टी का कोई मुस्लिम सांसद नहीं था। भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश जहां मुसलमानों की आबादी 18% से अधिक है वहां 2014 के चुनाव में बीजेपी 80 में से 71 सीटें जीतीं लेकिन कोई मुस्लिम सांसद नहीं था।क्यों हो रही है चर्चा, यूपी वाला फॉर्मूला कितना कामयाबयूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ने एक प्रयोग किया जो काफी हद तक सफल भी हुआ। यूपी निकाय चुनाव में पहली बार सबसे अधिक 391 मुस्लिम उम्मीदवारों को बीजेपी ने टिकट दिया। इनमें से 60 से अधिक चुनाव जीत जाते हैं। इसके साथ बीजेपी ने अपने सहयोगी के साथ रामपुर की स्वार सीट पर मुस्लिम कैंडिटेट उतारा जिसकी जीत हुई। पसमांदा मुसलमानों को लकर बीजेपी काफी समय से रणनीति तैयार कर रही है और इन पर फोकस भी है। यूपी में इस समुदाय से आने वाले दानिश अंसारी को मंत्री बनाया है। पसमांदा मुसलमानों को लेकर जो तैयारी चल रही थी फॉर्मूले का यूपी निकाय चुनाव में टेस्ट था। बीजेपी ने निकाय चुनाव में यूपी में जिन मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा उनमें अधिक संख्या पसमांदा मुसलमानों की है। यूपी निकाय चुनाव में यह रणनीति काफी हद तक कारगर रही। 2024 के आम चुनाव में इस स्ट्रैटिजी को बीजेपी आगे के चुनाव में शामिल कर सकती है।किन राज्यों में की गई है सीटों की पहचान, क्या है प्लानBJP अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना है कि 66 लोकसभा सीटों पर टीम बनाई गई है। इन सीटों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सिद्दीकी ने कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर और दूसरे पेशे से आने वाले जो औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल नहीं होना चाहते लेकिन सरकार के काम से खुश हैं उन्हें ‘मोदी मित्र’ प्रमाणपत्र दिया जाएगा। सिद्दीकी ने कहा कि जिस तरीके से यूपी में कई मुस्लिम पार्षद बीजेपी के टिकट पर चुने गए हैं, बहुतों को टिकट मिलेगा और वे लोकसभा चुनाव में भी जीतेंगे। बीजेपी ने जिन 66 सीटों को चिह्नित किया है उसमें यूपी की 13, बंगाल 13, केरल और असम में 6-6, जम्मू-कश्मीर में 5, बिहार में 4, मध्य प्रदेश में 3,तेलंगाना और हरियाणा में 2-2, दिल्ली, गोवा और महाराष्ट्र और लक्षद्वीप में एक-एक सीट शामिल है।