हाइलाइट्समनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर लगाम के लिए सरकार की बड़ी कवायदकेंद्रीय एजेंसियां उन सेक्टरों का मूल्यांकन कर रही हैं जहां मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग की आशंका ज्यादा हैरियल एस्टेट और जेम्स ऐंड ज्वेलरी जैसे कुछ सेक्टरों में मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग की आशंका ज्यादाजम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के कुछ आतंकी संगठनों का इंटरनेशनल फाइनेंस तक पहुंच केंद्र के लिए बड़ी चिंतानई दिल्लीकेंद्र सरकार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर पूरी तरह लगाम लगाने की बड़ी कवायद में जुटी हुई। उन सेक्टरों की पहचान की जा रही है जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनैंसिंग की आशंका ज्यादा है। इसके लिए फिलहाल नेशनल रिस्क असेसमेंट (NRA) का काम जारी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समेत तमाम केंद्रीय एजेंसियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग की आशंका वाले सेक्टरों का मूल्यांकन करें।यह कवायद भारत के पेरिस बेस्ड इंटर-गवर्नमेंटल संस्था FATF (फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स) के म्यूचुअल इवैलुएशन से पहले शुरू की गई है। FATF ने हाल ही में आतंकी संगठनों और यूएन की तरफ से घोषित आतंकियों के खिलाफ कारगर कार्रवाई नहीं करने को लेकर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है।FATF में मोदी सरकार को बड़ी सफलता, पाकिस्‍तान को दोहरा झटका, ग्रे लिस्‍ट में आया ‘आका’ तुर्कीईडी, सीबीआई को समय से चार्जशीट दाखिल करने के निर्देशभारत का अपना FATF असेसमेंट 2019 से ही लंबित है और दो बार स्थगित हो चुका है। इससे पहले आंतरिक मूल्यांकन में पता चला था कि बड़ी तादाद में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में दोषसिद्धि यानी कॉन्विक्शन की कमी है। उसके बाद सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई को समयबद्ध तरीके से चार्जशीट दाखिल करने और दोषसिद्धि सुनिश्चित करने को कहा था।CEIB कर रही सभी सेंट्रल एजेंसियों के साथ तालमेलवित्त मंत्रालय के तहत आने वाला सेन्ट्रल इकनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (CEIB) सभी इंटेलिजेंस और आरबीआई समेत इनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ करीबी तालमेल बिठाकर काम कर रही है। इसका उद्देश्य अलग-अलग एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल संदिग्ध कंपनियों, संगठनों के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई है।FATF क्या है? जिसने पाकिस्तान ही नहीं, तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में डाला, जानें क्या होगा असर?रियल एस्टेट और जेम्स ऐंड ज्वेलरी जैसे सेक्टर सरकार की निगाह मेंरियल एस्टेट और जेम्स ऐंड ज्वेलरी सेक्टर खास तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिहाज से संवेदनशील हैं। सरकार की प्राथमिकता इन सेक्टरों में मनी लॉन्ड्रिंग करने और इकॉनमी को खतरे में डालने वाले ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट्स को रोकना है। सरकार ने पिछले कुछ सालों में लाखों मुखौटा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया है। ये मुखौटा कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थीं और रियल बिजनस ऐक्टिविटी से उनका कोई लेना-देना नहीं था।वित्त मंत्रालय का डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनैंसिंग को लेकर नेशनल रिस्क असेसमेंट (NRA) करता है।नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस के जरिए इंटरनेशनल फाइनेंस तक आतंकियों की सेंधहमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि FATF पर भारत का म्यूचुअल इवैल्युएशन मई 2022 के आस-पास टल गया है। कुछ आतंकी संगठनों का इंटरनेशनल फाइनेंस तक पहुंच केंद्र सरकार के लिए एक और बड़ी चिंता की बात है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में कुछ आतंकी संगठन नॉन-प्रॉफिट आर्गनाइजेशंस की आड़ में इंटरनेशनल फाइनैंस तक पहुंच बनाने में कामयाब हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर