हाइलाइट्स:केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखी चिट्ठीसंयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, डॉक्टरों से हिंसा ठीक नहींसुरक्षा के लिए तेजी से कदम उठाएं, महामारी अधिनियम लागू करेंनई दिल्लीदेश के कई राज्यों में पिछले दिनों डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा की घटनाओं को केंद्र ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों की कुशलता और सुरक्षा के लिए तेजी से कदम उठाए जाएं और संशोधित महामारी अधिनियम को कड़ाई से लागू किया जाए। मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों की हर मोर्चे पर कोविड-19 प्रबंधन में सबसे अहम भूमिका है।डोनाल्ड ट्रंप ने दी चेतावनी, बच्चों के लिए खतरनाक है कोरोना वैक्सीन, रोक दें टीकाकरणउन्होंने कहा कि मंत्रालय ने कई मौकों पर स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के रहने और काम करने के स्थानों पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है।अधिकारी ने कहा, ‘देश ने व्यापक तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र के लोगों के प्रयासों की सराहना की है, लेकिन कुछ उदाहरण हैं जिनमें उनकी साख पर धब्बा लगाया गया और कुछ मामलों में तो स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा हुई।’वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 75-80 प्रतिशत कम: सरकारअग्रवाल ने पत्र में लिखा कि हाल ही में असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक समेत कुछ जगहों से डॉक्टरों, स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों तथा अन्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की खबरें आईं। उन्होंने कहा, ‘इस तरह के वाकये हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों के मनोबल को प्रभावित करते हैं जिन्होंने कोविड-19 प्रबंधन में सभी चुनौतियों के खिलाफ अत्यंत प्रतिबद्धता से काम किया।’उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक अध्यादेश जारी किया था और बाद में इसे कानून के रूप में अधिसूचित किया जिसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों के खिलाफ हिंसा गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है।फाइल फोटो