Chandrayaan-3 Mission: चांद पर अब अपने 3! क्या आप समझ पाए विक्रम को विदा करते हुए ISRO का यह ‘कोडवर्ड’ – chandrayaan 3 news today isro code word after lander separation

तीन सैटलाइट कौन-कौन?चंद्रयान-1 साल 2008 में लॉन्च हुआ था और एक साल तक काम किया। चंद्रयान-2 साल 2019 में गया। सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हुई लेकिन उसका ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है। वह चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है और करीब सात साल तक भारत को सूचनाएं भेजता रहेगा। चंद्रयान-3 में भी उसी ऑर्बिटर से काम किया जा रहा है। इस तरह से देखिए तो इसरो का इशारा यह है कि ऑर्बिटर, लैंडर और प्रॉपल्शन मॉड्यूल, इस समय चांद की कक्षा में हैं। जिस समय विक्रम लैंडर आज अलग हुआ वह 153×163 किमी की कक्षा में था। यह चांद के सबसे नजदीक और सबसे ज्यादा दूरी होती है।इसरो ने पहले ही बताया था कि प्रॉपल्शन मॉड्यूल में भी एक वैज्ञानिक उपकरण है जिसे लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के बाद संचालित किया जाएगा। प्रॉपल्शन मॉड्यूल ने लैंडर को चांद की 100 किमी की ध्रुवीय कक्षा तक ले जाकर छोड़ा है। सोशल मीडिया पर लोग इसरो को बधाई दे रहे हैं। लोग #chandrayaan3 को शुभकामनाएं देने लगे हैं।चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया। धीरे-धीरे करीब पहुंचता गया। जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ता गया इसरो ने चंद्रयान-3 की कक्षा को घटाने और उसे चंद्रमा के ध्रुवीय बिंदुओं पर तैनात करने की प्रक्रियाओं को अंजाम दिया। अब अंतरिक्ष यान के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।