हाइलाइट्स:कांग्रेस ने कहा- सौदे में गड़बडी को लेकर वेबसाइट मीडियापार्ट ने रखी रिपोर्टपार्टी ने डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान का किया उल्लेखफ्रांस ने डील में दलाली को लेकर मामले की जांच के दिए हैं आदेशनई दिल्लीराफेल फाइटर प्लेन डील को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि फ्रांस में राफेल डील की जांच के आदेश दिए गए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राफेल डील में गड़बड़ी हुई है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले की जांच के बाद राफेल डील का सच सामने आ गया है। कांग्रेस ने एक बार फिर कहा कि राफेल डील में घूस दी गई है। कांग्रेस ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस बयान का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि अनिल अंबानी की कंपनी को डील में साझेदार बनाने के फैसला भारत सरकार का था। नैशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस ने दी जानकारीफ्रांस ने भारत के साथ वर्ष 2016 में हुए अरबों डॉलर के विवादित राफेल फाइटर जेट डील की जांच के आदेश दिए हैं। देश के नैशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इसके लिए एक जज की नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। करीब 9.3 अरब डॉलर के इस समझौते के तहत भारत को 36 फाइटर जेट दिया जाना है। फ्रांसीसी वेबसाइट ने लगाए थे दलाली के आरोपफ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने उस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा कि फ्रांसीसी जांच एजेंसी राफेल डील को लेकर जारी संदेहों को दबाना चाहती है। इससे पहले अप्रैल महीने में मीडियापार्ट ने दावा किया था कि राफेल डील में मदद करने वाले लोगों को ‘छिपाकर करोड़ों रुपये दलाली’ दिया गया।राफेल पर कांग्रेस की बधाई के साथ सवालों की बौछारअनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी विवादों के घेरे मेंमीडियापार्ट ने कहा कि इस दलाली में से ‘कुछ… हिस्सा घूस के रूप में’ भारतीय अधिकारियों को दिया गया। दसाल्ट ने इन आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि राफेल डील में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। भारत में भी केंद्र की मोदी सरकार ने इस सौदे में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का लगातार खंडन किया है। इन खबरों के बाद फ्रांस के एनजीओ शेरपा ने भ्रष्टाचार के संबंध में एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी।भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुआ था समझौतायह समझौता भारत सरकार और फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी डसाल्ट के बीच हुआ था और इसमें लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जांच में इन आरोपों में कोई दम नहीं पाया था।