नई दिल्ली भारत अब साइबर आतंकवाद के खिलाफ विश्व के तमाम देशों को एकमंच पर लाने की कोशिश कर रहा है। भारत ने बिना चीन का नाम लेते हुए कहा है कि कुछ देश खास एजेंडे के तहत विश्व में साइबर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। न सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर अस्थिरता फैलाने की कोशिश हो रही है बल्कि सामरिक चीजों पर साइबर आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है। भारत ने यह बात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में रखी है। भारत की ओर से विदेश सचिव हर्ष सिंगला ने साइबर दुनिया से उपज रहे खतरों के बारे में आगाह किया। कहा कि प्रोपेगेंडा फैलाने और नफरत व हिंसा का माहौल बनाने में साइबर आतंकवाद चरम पर है। इनमें युवाओं की सक्रिय भागीदरी और भी चिंता की बात है।पहले ड्रोन आतंकी हमले के बाद यूएन में भारत की खरी-खरी, PM मोदी ने बुलाई मंत्रियों की बैठकइसके लिए सुनियोजित तरीके से साजिश रची जा रही है। जमकर फंड उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत ने कहा कि अगर साइबर आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई की बात आती है तो वह इसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। ड्रैगन को खुश करने में लगे इमरान खान, कहा-चीन से दोस्ती तोड़ने को अमेरिका डालता है दबावभारत ने साइबर आतंकवाद के खिलाफ साझा कोशिश के बारे में ऐसे समय यूएन मंच पर अपनी बात रखी है जब कई जगहों पर चीन की ओर से साइबर हमला करने की बात कही गई है।साथ ही आम लोगों की जिंदगी में डिजिटल इनोवेशन से जिंदगी जिस तरह सुगम हो रही है, इसके लिए भी भारत ने आधार, यूपीआई जैसी तकनीक के बारे में बताते हुए विश्व के दूसरे देशों को भी इस तकनीक को साझा करने की पेशकश की।