समान नागरिक संहिता (UCC) मौजूदा कानूनों और सामाजिक रीति-रिवाजों में निहित असमानताओं को दूर करने में मदद कर सकता है जो महिलाओं को हाशिए पर धकेलते हैं और उनसे उनकी आजादी छीनते हैं। सवाल है कि क्या इतने बड़े अवसर को यूं ही हाथ से जाने दिया जाएगा या भारतवर्ष के अमृतकाल में इसका अच्छे से लाभ उठाया जाएगा?