नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक स्मारक को ध्वस्त करने और सरकारी आवास का निर्माण करने के आरोपी एजीएमयूटी कैडर के निलंबित आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय को दिल्ली में अपना आधिकारिक बंगला खाली करने का निर्देश दिया। साथ ही अधिकारियों से उन्हें वैकल्पिक आवास आवंटित करने को कहा। राय वर्तमान में मिजोरम में सचिव के रूप में तैनात हैं। उन्हें 18 अक्टूबर, 2021 और 31 मई, 2022 के बीच दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सीईओ रहते हुए जल विहार में एक बंगला आवंटित किया गया था। बच्चों के साथ दिल्ली स्थित बंगले में रह रही उनकी पत्नी शिल्पी उदित राय ने डीजेबी द्वारा जारी 28 जुलाई के नोटिस को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी। नोटिस में उन्हें 15 दिनों के भीतर परिसर खाली करने के लिए कहा गया था।दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी, डीजेबी के वकील और दिल्ली के मुख्य सचिव ने न्यायमूर्ति प्रतीक जालान के समक्ष इस बात को चुनौती नहीं दी कि राय मिजोरम में तैनाती के बावजूद दिल्ली में सरकारी आवास के हकदार हैं। अदालत में मौजूद राय की पत्नी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि वे लागू नियमों के अनुसार एक घर के आवंटन के लिए एक सप्ताह के भीतर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के प्रमुख सचिव को एक अभ्यावेदन देंगे।उन्होंने यह भी कहा कि परिवार उचित समय के भीतर अपना बंगला खाली कर देगा।न्यायमूर्ति जालान ने कहा, ‘प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया जाता है कि वे नियमानुसार आवास आवंटित कर दो सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन का निस्तारण करें।’ उच्च न्यायालय ने राय की पत्नी को एक सप्ताह के भीतर दंपति द्वारा हस्ताक्षरित एक शपथ पत्र देने को कहा, जिसमें बताया गया हो कि वे आवास खाली कर देंगे। न्यायामूर्ति जालान ने याचिकाकर्ता के वकील से दिन में बाद में अदालत को उस तारीख के बारे में सूचित करने को कहा कि बंगला कब खाली किया जाएगा और याचिका को निस्तारित किया।क्या है मामला?गृह मंत्रालय ने हाल ही में राय को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है। डीजेबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 15वीं शताब्दी के एक स्मारक के विध्वंस के बाद राय कथित तौर पर एक आधिकारिक आवास के निर्माण में शामिल थे।