हाइलाइट्स:तिहाड़ जेल से रिहा किए गए तीनों छात्र कार्यकर्तादिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने के आरोप में थे बंदकोर्ट ने दो दिन पहले दे दी थी जमानतनई दिल्लीछात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और आसिफ इकबाल तनहा को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। गुरुवार शाम को रिहाई के बाद उनकी मुस्कुराती हुई तस्वीरें सामने आईं। इससे कुछ घंटे पहले एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा साजिश मामले में तुरंत उनकी रिहाई का आदेश दिया था।नताशा ने कहा- संघर्ष जारी रखेंगेतिहाड़ से बाहर आने के बाद छात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल ने कहा कि जेल में हमें जबरदस्त सहयोग मिला। अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि जमानत के आदेश को लेकर बेहद खुश हूं। कई महीने तक हम यह यकीन नहीं कर पाए कि हम इन आरोपों में जेल में हैं। उन्हें दंगों के षड्यंत्र रचने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। कालिता ने कहा, लोगों की आवाज दबा रही सरकारउधर, जेल से बाहर आने के बाद छात्र कार्यकर्ता देवांगना कालिता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अस्वीकृति और लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।दिल्ली दंगा केस : कोर्ट ने नताशा, देवांगना और आसिफ को तुरंत रिहा किए जाने का आदेश दियातनहा बोले, पता था रिहा होऊंगातिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद आसिफ इकबाल तनहा ने कहा कि उम्मीद थी कि एक दिन मुझे रिहा कर दिया जाएगा। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा।दिल्ली दंगा : देवांगना, नताशा और आसिफ की रिहाई रोकने के लिए पुलिस ने रातोंरात तैयार की 900 पन्नों की रिपोर्टइससे दो दिन पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत पिछले साल मई में गिरफ्तार नरवाल, कालिता और आसिफ इकबाल तनहा को जमानत दे दी थी। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अदालत का आदेश मिलने के बाद कालिता और नरवाल को रिहा कर दिया गया। आसिफ इकबाल तनहा को भी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शाम साढ़े सात बजे के आसपास रिहा किया गया। बताया गया है कि तीनों छात्र नेताओं के पते और मुचलके के सत्यापन में देरी के कारण जेल से उनकी रिहाई में देरी हो रही थी।सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाईसुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की उस याचिका पर सुनवाई कर सकता है, जिसमें तीनों छात्र एक्टिविस्टों नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तनहा को जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। यह फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा से संबंधित कथित बड़ी साजिश से जुड़ा मामला है, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।