el nino effects in india, आपकी जेब भी हल्की कर सकता है अलनीनो, क्या है अल नीनो और क्यों इससे डरना चाहिए जानें? – el nino effect expect a harsh summer season this year says skymet

नई दिल्ली: मॉनसून आने में अभी तीन माह बाकी हैं मगर अल नीनो के प्रभाव से इस साल बारिश कम होने की आशंका अभी से जताई जा रही है। अल नीनो प्रशांत महासागर में आने वाला एक किस्म का मौसमी बदलाव है। इसमें सर्दियां गर्म, बिना बारिश वाली हो जाती हैं तो गर्मियां और भी गर्म रहती हैं। साथ ही मॉनसून भी कमजोर रहता है। एमके ग्लेाबल की रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि बीते बीस साल में जितने भी सूखे पड़े हैं, वे सब अल नीनो वाले बरसों में ही पड़े हैं। ऐसे में रिसर्च रिपोर्ट आगाह कर रही हैं कि इस साल कृषि उपज कम रह सकती है जिससे खाने-पीने की चीजों की महंगाई बढ़ने का अंदेशा है। अमेरिका के नैशनल ओशिएनिक ऐंड ऐटमॉस्फेरिक ऐडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने संभावना जताई है कि इस साल जून से दिसंबर के बीच अल नीनो प्रभाव बनने की संभावना 55 से 60% तक है।कैसे बदलता है महासागर का तापमान?प्रशांत महासागर में अमूमन सामान्य हालात में हवाएं भूमध्यरेखा (इक्वेटर) से होती हुई पश्चिम को बहती हैं। इससे दक्षिण अमेरिका से गर्म पानी एशिया की तरफ आता है। गर्म पानी बहने से खाली हुई जगह को महासागर की गहराई से ठंडा पानी ऊपर आकर भरता है। इसे अपवेलिंग कहते हैं। अल नीनो और ला नीना इसी पैटर्न को तोड़ते हैं।क्या होता है अल नीनो में?अल नीनो एक स्पैनिश नाम है जिसका मतलब है छोटा लड़का। सन 1600 में सबसे पहले इस प्रभाव को देखा गया था। अल नीनो की स्थिति तब बनती है जब एक जगह से दूसरी जगह जाने वाली हवाएं कमजोर पड़ जाती हैं। इससे गर्म पानी पीछे को यानी पूर्व दिशा में अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर आने लगता है। इससे उत्तरी अमेरिका और कनाडा में बारिश कम होती है और सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने लगती है। वहीं अमेरिका के गल्फ कोस्ट और दक्षिण पूर्व में सामान्य से ज्यादा बारिश होने लगती है जिससे बाढ़ तक आ जाती है। अल नीनो में चूंकि समंदर के नीचे से ठंडा पानी ऊपर नहीं आ पाता जो कि मछलियों के लिए पोषण से भरपूर होता है, ऐसे में उनके लिए भी भोजन का संकट हो जाता है।ला नीना में क्या होता है?स्पैनिश शब्द ला नीना का मतलब है छोटी लड़की। इसका प्रभाव अल नीनो से ठीक उलटा होता है। यानी हवाएं सामान्य से ज्यादा मजबूत हो जाती हैं और इससे एशिया की तरफ ज्यादा गर्म पानी पहुंचने लगता है। इससे अमेरिका के पश्चिमी तट पर महासागर की गहराई से पोषक तत्वों से भरपूर ठंडा पानी ऊपर आता है। यह ठंडा पानी प्रशांत महासागर से पानी को उत्तर की ओर धकेलता है जिससे अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में सूखा पड़ने लगता है और उत्तर पश्चिमी और कनाडा के इलाके में भारी बारिश होने लगती है। ला नीना वाले साल में दक्षिणी इलाकों में सर्दियों में तापमान अधिक रहता है और उत्तरी हिस्सों में सामान्य से ठंडा मौसम रहता है। ला नीना से बड़े तूफान उठने का खतरा रहता है।भारत के लिए कौन अच्छा?ला नीना प्रभाव भारत के लिए अच्छा रहता है। वहीं अगर अल नीनो प्रभाव पड़ता है तो भारत में जून से अक्टूबर के बीच मॉनसून पर असर होगा। एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, NOAA ने जब भी अल लीलो की संभावना 45% या इससे ज्यादा तक जताई है तो छह में से तीन बार ही असल में अल नीनो बना है।