नई दिल्‍ली क्‍या कृषि कानूनों को लेकर राकांपा प्रमुख शरद पवार का रुख बदल गया है? क्‍या वह सही में चाहते हैं कि किसान आंदोलन खत्‍म हो? पवार और सरकार के सुर एक जैसे लग रहे हैं। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इच्‍छा जताई है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से केंद्र को बातचीत करनी चाहिए। उन्‍होंने इसमें नेतृत्‍व करने की जरूरत पर बल दिया है। वह इस गतिरोध को खत्‍म किए जाने के पक्ष में हैं। वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने शरद पवार के रुख का स्‍वागत किया। साथ ही यह भी कहा है कि वह पवार के नजरिये से खुश हैं कि उन्‍होंने कानूनों को बदलने की जरूरत नहीं बताई है। पूर्व कृषि मंत्री व राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि किसान पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। लिहाजा, वे अब भी वहीं बैठे हैं। केंद्र को उनसे बातचीत करनी चाहिए। इसमें नेतृत्व करना चाहिए। Maharashtra Politics: नाना पटोले ने जलगांव में जलाईं कृषि कानून की प्रतियां, बोले- 2024 में जनता BJP को सबक सिखाएगीवहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि वह पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार के रुख का स्वागत करते हैं जहां उन्होंने कहा कि कानूनों को बदलने की कोई जरूरत नहीं है। वह बोले, ‘जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन्हें विचार-विमर्श के बाद बदला जाना चाहिए। मैं उनके रुख का स्वागत करता हूं। केंद्र उनकी बात से सहमत है। हम चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए।’कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार कह चुकी है कि वह कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। हालांकि, उसने कहा है कि किसानों को कानून में जहां-जहां आपत्ति है, वह उसे दूर करने के लिए तैयार है। वहीं, किसान अड़े हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। हाल में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं में तीखी झड़प भी हो गई थी।