महिलाओं का ऑब्जेक्टिफिकेशन (फोटोः एजेंसी)
डियर RJआपकी आवाज बहुत अच्छी है, आप बहुत अच्छे गाने सुनाती हो और आपके चैनल पर ऐड भी औरों के मुकाबले कम होते हैं। यही वजह है कि ड्राइविंग के दौरान सालों से आपका ही रेडियो चैनल लगाती हूं। मगर कल आपने दिल तोड़ दिया। नहीं ऐड ज्यादा नहीं थे और न ही गाने बकवास थे। दिल टूटा आपकी बातों से जो आप गाने सुनवाने के बीच-बीच में अपने श्रोताओं से कर रही थीं। आप लड़कों को डेटिंग के टिप्स दे रही थीं कि अगर आप डेटिंग ऐप के जरिए या कैसे भी किसी लड़की के साथ डेट पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो प्लीज इन पांच ‘टाइप’ की लड़कियों से बचना।
क्या कहा आपने, पांच ‘टाइप’ की लड़कियां? ये सुनकर ही दिमाग खटका कि ये आरजे जो कई बार लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ तो कभी महिलाओं की स्थिति पर बोलती और सोशल प्लैटफॉर्म पर बड़ी सेंसिटिव होकर अपना गुस्सा उतारती थी, लड़कियों के हक की आवाज उठाती थी, क्या यह वही आरजे है? लड़कियों को पांच ‘टाइप’ में बांट कैसे लिया गया? क्या अपना प्रोग्राम चलाने के लिए या आज की जेनरेशन ज़ी के आगे कूल दिखने के लिए ऐसी बातें करना जरूरी होता है? आरजे ने लड़कियों के ‘टाइप’ गिनाने शुरू किए। वह लड़कों को बताने लगीं कि पहले ‘टाइप’ की लड़कियां होती हैं बार्बी डॉल टाइप, सजी धजी, मेकअप में लुती पुती और ब्रैंडेड कपड़े पहनने वाली। आरजे का कहना था कि ऐसी बार्बी डॉल ‘टाइप’ की लड़कियों से लड़के दूर रहें नहीं तो ये लड़कियां कुछ दिन में उनका जीना दूभर कर देंगी। आप उन्हें झेल नहीं पाओगे।
इसके बाद आरजे ने दूसरे ‘टाइप’ की लड़कियों का विवरण देना शुरू किया जिनसे लड़कों को बचना है। ये ऐसी लड़कियां जो बहुत इनसिक्योर यानी असुरक्षित होती हैं अपने रिलेशनशिप को लेकर, उन्हें लड़कों को डेट नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि ये लड़कियां हर वक्त अटेंशन पाने के लिए रोना धोना मचाए रहती हैं, लड़के को किसी और लड़की के साथ बात करते देख परेशान होती हैं और फिर अपने बॉयफ्रेंड का दिमाग खा जाती हैं। यही नहीं, आरजे ने यहां तक कहा कि इन लड़कियों को अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है। वे सिर्फ इसलिए रोती धोती रहती हैं ताकि आप उनको नए नए कॉम्प्लिमेंट्स देकर उनकी तारीफ ही करते रहो। तो अगर आपको ऐसा करने में कोई गुरेज नहीं है तो पुराने हिंदी गाने सुन लो और उसमें से तारीफों के पुल वाले कॉम्प्लिमेंट्स रट लो और ऐसी लड़कियों को डेट करने की हिम्मत जुटाओ वरना जहां तक हो सके अवॉइड ही करो अगर आपको चैन से जीना है। आरजे के ये टिप्स सुनकर मुझे ठीक नहीं लगा और मैंने चैनल बदल दिया। बाकी बचे तीन ‘टाइप’ की लड़कियों के बारे में सुनने की हिम्मत नहीं बची थी।
मुझे बुरा क्यों लगा? क्योंकि आपने लड़कियों को इंसान के तौर पर नहीं बल्कि पिज्जा या बर्गर के तौर पर पांच टाइप में बांट दिया। होटल में मेन्यु की तरह परोसा खाने को ही जाता है कि ये लीजिए ये पांच टाइप के बर्गर हैं, एक वेज एक नॉनवेज, एक पनीर, एक वेजिटेबल, एक आलू, एक कचालू वगैरह-वगैरह। और लड़कों को ऐसे संबोधित किया गया कि जैसे वे किसी रेस्टोरेंट में आए भूखे ग्राहक हैं, जो तय नहीं कर पा रहे कि कौन सा बर्गर खाएं? क्या ये महिलाओं का ऑब्जेक्टिफिकेशन नहीं है कि आप उसे उपभोग की वस्तु की तरह पेश करते हुए ग्राहक को आगाह कर रही हो कि फलाने टाइप को मत खरीदना या खाना? सज धज कर बार्बी डॉल बनी लड़की किस वजह से लड़कों के लिए गलत हो गई? क्या अपनी मर्जी से सजने संवरने की आजादी लड़कियों को नहीं होनी चाहिए। क्या लड़के इन कामों के लिए जज किए जाते हैं? दूसरा ‘टाइप’ आपने कहा इनसिक्योर लड़कियों से दूर रहो। आपने लड़कों से यह नहीं कहा कि लड़की को इनसिक्योर महसूस ना कराना। आपने अपने दोनों टाइप बता कर एक झटके में लड़कियों को कम दिमाग की, बिना किसी मॉरल स्टेटस वाली प्रजाति करार कर दिया। आपके इस तरह लड़कियों को अलग अलग खांचों में रखने से पुरुषों की नजर में महिलाओं का दर्जा बराबर या बढ़ने के बजाय कई फीट जमीन के नीचे चला जाता है। इस तरह से टाइप बताकर आपने महिलाओं को बेवकूफ, नासमझ और अपने खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न को दावत देने वाली प्रजाति के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया। हो सकता है आपकी ऐसी इंटेशन न रही हो लेकिन आपने अनजाने में सही, यह कह दिया कि अगर तुम्हारे साथ पुरुष कुछ गलत करते हैं, कोई अपराध करते हैं तो वह उचित है क्योंकि तुम हो ही बेवकूफ।
डियर RJ, दो लोगों को आपसी रिश्ता बनने में और उसे मजबूत होने में कई फैक्टर काम करते हैं। यह सिर्फ लड़की के चरित्र पर ही डिपेंड नहीं करता कि लड़का अगर उसे डेट करेगा तो वह सुखी रहेगा या नहीं। दोनों की कम्पैटिबिलटी और आपसी समझ कैसी है, यही दो लोगों के रिश्ते की उम्र को छोटा या लंबा करते हैं।
डिसक्लेमर : ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं