नासिक: दिल्ली जा रही वास्को डी गामा निज़ामुद्दीन-गोवा एक्सप्रेस रेलवे की चूक के चलते 90 मिनट पहले रवाना हो गई। इसका खामियाजा उन 45 यात्रियों को भुगतना पड़ा जो मनमाड जंक्शन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। रूट डायवर्जन के बाद ट्रेन आश्चर्यजनक रूप से अपने निर्धारित समय से डेढ़ घंटे पहले स्टेशन पर पहुंची और फिर तुरंत रवाना हो गई, जिससे अनजान यात्री स्टेशन पर फंसे रह गए। आमतौर पर सुबह 10.35 बजे पहुंचने वाली गोवा एक्सप्रेस गुरुवार को सुबह 9.05 बजे मनमाड जंक्शन पहुंच गई। इससे पहले कि अधिकांश यात्री सुबह 9.45 बजे तक स्टेशन पहुंच पाते, उन्हें क्या पता था कि उनकी ट्रेन पहले ही निकल चुकी थी।वंदे भारत ट्रेन में स्कूली छात्रों से मिले पीएम मोदी, गिफ्ट में मिली पेंटिंग और स्केचरेल यात्रियों ने मांगा ऑप्शनपरेशान यात्रियों ने स्टेशन प्रबंधक से इस पर जवाब मांगा और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की मांग की। हर किसी के मन में यह सवाल था कि कोई ट्रेन अपने पूर्व निर्धारित समय से पहले कैसे रवाना हो सकती है। मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, शिवराज मानसपुरे ने बताया कि गोवा एक्सप्रेस, आम तौर पर मनमाड के रास्ते में मिराज, पुणे और दौंड से होकर गुजरती है। रूट डायवर्जन के चलते ट्रेन रत्नागिरी, पनवेल, कल्याण और नासिक रोड के रास्ते गई थी। हैरान कर देने वाले बदलाव के चलते ट्रेन सुबह 9.05 बजे जल्दी पहुंच गई। हालांकि इसकी रूटीन टाइमिंग तक ट्रेन को रोका जाना चाहिए था, लेकिन इसकी अनदेखी की गई।बेंगलुरु के इन दो स्टेशनों पर रेल कोच रेस्टोरेंट में बैठकर ले सकेंगे लजीज खाने का मजारेलवे ने फिर रुकवा दी ट्रेनरेलवे अधिकारियों ने यात्रियों की परेशानी को दूर करने के लिए उन्हें मुंबई-हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस में बैठाया। यह ट्रेन भुसावल जंक्शन तक गोवा एक्सप्रेस के रास्ते ही जाने वाली थी। हालांकि सुबह 11.26 बजे गीतांजलि एक्सप्रेस का मनमाड में रुकने का कोई निर्धारित समय नहीं है, लेकिन फंसे हुए 45 यात्रियों के लिए एक अनिर्धारित स्टॉप बनाया। इसके साथ ही मनमाड और भुसावल के बीच स्थित जलगांव जंक्शन स्टेशन प्रबंधक को निर्देश जारी किए गए। इसमें कहा गया कि जब तक गीतांजलि एक्सप्रेस के यात्री ट्रेन में न बैठ जाएं, तब तक गोवा एक्सप्रेस को रोके रखा जाए।