हाइलाइट्स:उत्‍तराखंड में कुंभ के दौरान जो कोरोना रिपोर्ट का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है उसमें लगभग एक लाख फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तैयार की गई थींइसमें कुछ सैंपल देने वालों के नाम ‘चंपू’ और ‘गुटखा’ तक दर्ज किए हुए थेएमएस नवाज/इशिता मिश्रा, हरिद्वार/देहरादून उत्‍तराखंड में कुंभ के दौरान जो कोरोना रिपोर्ट का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है उसमें लगभग एक लाख फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तैयार की गई थीं। हैरत की बात है कि इसमें कुछ सैंपल देने वालों के नाम ‘चंपू’ और ‘गुटखा’ तक दर्ज किए हुए थे। आखिर जब 1 लाख फर्जी नाम बनाने हों तो साधारण नामों की कमी पड़ ही जानी थी और नाम गढ़ने के लिए कल्‍पना के घोड़े दौड़ाने पड़े। बहरहाल, जिन लोगों के घर उनके मोबाइल नंबर पर आरटीपीसीआर रिपोर्ट पहुंची तो उनमें से कुछ घबरा गए और कुछ ने इसे महज स्‍पैम समझकर इग्‍नोर कर दिया। हरिद्वार के ही गुलाम मोहम्‍मद घबराने वालों में से थे, उनका कहना था, ‘मेरे पास मेसेज आया कि रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन मैंने कहीं भी कोई सैंपल नहीं दिया था। मेरे परिवार के सभी लोग डर गए। हमें डर था कि कहीं अधिकारी लोग हम सभी को कहीं ले न जाएं या कहीं क्‍वारंटीन सेंटरों में न रख दें।’ कुछ डर गए कुछ ने अनदेखा कियामोहम्‍मद उन एक लाख लोगों में से एक थे जिनके नाम इस फर्जी टेस्‍ट रिपोर्ट की लिस्‍ट में शामिल थे। इन्‍हें हरिद्वार कुंभ आयोजन के दौरान एक प्राइवेट एजेंसी ने जारी किया था, बिना कोई भी कोविड टेस्‍ट कराए। शुक्रवार को हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने इस लिस्‍ट में से दर्जनों लोगों को कॉल करके पूछा तो अधिकांश का कहना था कि हालांकि हमारी टेस्‍ट रिपोर्ट नेगेटिव थी लेकिन हम डर गए थे। कुछ ने इसे अनदेखा कर दिया और कुछ नंबर मिले ही नहीं। ‘चंपू’ और ‘गुटखा’ के भी सैंपल कई मामलों में देखा गया कि जिन लोगों के ‘टेस्‍ट’ किए गए थे उनका सरनेम नहीं था। यह भी पाया गया कि कुछ नाम ‘चंपू’ और ‘गुटखा’ भी दर्ज किए गए थे। यह लिस्‍ट स्‍वास्‍थ्‍य विभाग से मिली थी। कुंभ मेले के दौरान सरकार के अलावा 9 प्राइवेट एजेंसियों ने 4 टेस्‍ट करने का दावा किया था। ऐसा हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद किया गया था जिसमें कहा गया था कि कुंभ में हर रोज 50 हजार टेस्‍ट किए जाएं। एक प्राइवेट एजेंसी के खिलाफ 1 लाख फर्जी टेस्‍ट दर्ज करने के आरोप में एफआईआर की गई है। इसमें स्‍टूडेंट्स को सैंपल जुटाने वाले के तौर पर दिखाया गया था और लोगों के फर्जी नाम और पते लिखे गए थे। हरिद्वार कुंभ (फाइल फोटो)