हाइलाइट्सऐसे में जब हरियाणा की बीजेपी सरकार ‘लव जिहाद’ पर कानून लाने का संकेत दे रही हैवहीं पिछले तीन साल में राज्य महिला आयोग के पास लव जिहाद का एक भी केस नहीं आया हैहरियाणा महिला आयोग ने कहा कि ‘लव जिहाद’ क्या है उसके पास इसकी परिभाषा तक नहीं हैअजय सूरा, चंडीगढ़ ऐसे में जब हरियाणा की बीजेपी सरकार ‘लव जिहाद’ पर कानून लाने का संकेत दे रही है, वहीं पिछले तीन साल में राज्य महिला आयोग के पास लव जिहाद का एक भी केस नहीं आया है। यह जानकारी एक आरटीआई से मांगी गई जानकारी में पता चली है। हरियाणा महिला आयोग राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और हिंसा के मामलों पर नजर रखता है। लेकिन पूछे जाने पर आयोग ने कहा कि ‘लव जिहाद’ क्या है उसके पास इसकी परिभाषा तक नहीं है। आयोग का कहना है कि उसने राज्य सरकार के सामने लव जिहाद के मसले पर कोई सुझाव नहीं दिया है। आरटीआई में लव जिहाद पर मांगी गई जानकारी के जवाब में आयोग ने बताया, ‘हरियाणा के किसी भी जिले से इससे जुड़ा कोई केस नहीं आया है। इसी कारण कमिशन ने कोई कदम नहीं उठाया है।’ यह ब्यौरा पानीपत के आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर को आरटीआई ऐक्ट के तहत 13 जुलाई 2021 को मुहैया कराया गया था। कपूर ने 13 नवंबर 2020 को एक एप्लीकेशन फाइल करके लव जिहाद पर सभी शिकायतों की डिटेल मांगी थी। साथ ही आयोग से लव जिहाद की परिभाषा और राज्य सरकार को आयोग की ओर से दिए गए सुझावों की भी जानकारी मांगी गई थी। जितने भी मामले आए वे झूठे निकले पहले तो आयोग ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से वह तय समय सीमा में जानकारी नहीं मुहैया करा सकता। इससे पहले मार्च में हरियाणा पुलिस ने लव जिहाद के छह मामलों की जानकारी आरटीआई के जवाब में दी थी। ये पिछले 3 सालों में राज्य के छह जिलों में रिपोर्ट किए गए थे। दिसंबर 2020 को मेवात क्षेत्र के नूह जिले के पुन्हना पुलिस स्टेशन में एक केस दर्ज किया गया था। इसमें कहा गया था कि एक मुस्लिम लड़के ने एक हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया था। लेकिन जांच के दौरान इसे झूठा पाया गया। ‘लव जिहाद’ का दूसरा मामला अंबाला पुलिस ने 18 मई 2018 में दर्ज किया था। लेकिन इस मामले में आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया। अंबाला पुलिस ने एक और मामला 16 अक्टूबर 2019 को दर्ज किया था। लेकिन पुलिस की जांच में यह भी झूठा पाया गया। इसी तरह पानीपत जिले के समालखा पुलिस स्टेशन में 19 जुलाई 2019 एक केस दर्ज हुआ है लेकिन यह अभी ट्रायल कोर्ट के सामने लंबित है। जब यमुनानगर पुलिस से ‘लव जिहाद’ की परिभाषा पूछी गई तो उसने याचिकाकर्ता से इसे इंटरनेट पर खोजने को कहा। नवंबर 2020 में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने संकेत दिया था कि वह यूपी सरकार की तर्ज पर राज्य में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून ला सकते हैं। सांकेतिक तस्वीर