हाइलाइट्सपंचतत्व में विलीन हुए जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिकामधुलिका के भाई ने बताया कैसे हुई थी इन दोनों की शादीजनरल रावत के पिता ने बेटे के लिए मांगा था मधुलिका का हाथनई दिल्लीप्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत के भाई ने शुक्रवार को भावुक होते हुए 35 साल पहले अपनी बहन की शादी की यादों को साझा किया और बताया कि कैसे जनरल रावत के पिता ने उनकी बहन का हाथ अपने बेटे के लिए मांगा था। देश ने शुक्रवार को जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत को अंतिम विदाई दी। मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने कहा कि किस्मत ने उन्हें साथ मिलाया था और किस्मत ही उन्हें एकसाथ ले गई। उन्होंने कहा, ‘असल में उनके पिता (लक्ष्मण सिंह रावत) ने मेरी बहन का हाथ अपने बेटे (बिपिन रावत) के लिए मांगा था। जनरल रावत के पिता भी सेना के एक अधिकारी थे। उन्होंने मेरे पिता दिवंगत मृगेंद्र सिंह को पत्र लिखा था और इस तरह शादी की बातचीत शुरू हुई थी।’जिस पते पर जन्म, उसी पते पर शादीयशवर्धन सिंह का परिवार मध्य प्रदेश में शहडोल जिले के सुहागपुर का रहने वाला है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हमारे ‘नानाजी’ लखनऊ में रहते थे और इसलिए मेरी बहन का जन्म 1960 के दशक में वहां हुआ था। संयोग से उनके जन्म स्थान का पता ‘25, अशोक मार्ग’ है और उनका विवाह दिल्ली में ‘25, अशोक मार्ग’ में हुआ था। है न सुखद संयोग।’सिंह का जन्म 1966 में हुआ था और वह अपनी बेटी एवं राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज खिलाड़ी बांधवी सिंह के साथ दिल्ली में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के आधिकारिक आवास में मौजूद थे जहां जनरल रावत और मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखे गए थे।जनरल बिपिन रावत को दी गई 17 तोपों की सलामी, 21 की क्यों नहीं? समझिएजनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का अंतिम संस्कार दिल्ली छावनी में बरार स्क्वेयर श्मशान घाट में किया गया। गौरतलब है कि दो दिन पहले तमिलनाडु के कन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गयी थी।तब कैप्टन थे रावतमधुलिका रावत के छोटे भाई ने बताया कि दोनों का विवाह 35 साल पहले हुआ था। उन्होंने कहा, ‘वह 1986 था और जनरल रावत तब कैप्टन के पद पर थे और उनकी तैनाती देहरादून में थी। इतनी प्यारी यादें और अब क्रूर भाग्य ने मेरी बहन और मेरे जीजा को हमसे छीन लिया।’ दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक करने वाली बांधवी ने कहा कि वह इस मौके पर परिवार के साथ मौजूद रहने के लिए देर रात दिल्ली पहुंचीं।