नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से निष्प्रभावी किए गए संविधान के अनुच्छेद 370 को वापस लागू करने और प्रदेश को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर लंबी सुनवाई हुई। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले में याचिकाकर्ता और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दल नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन का प्रतिनिधित्व किया। सुप्रीम कोर्ट में दी गईं उनकी दलीलें काफी सुर्खियों में रहीं। बहस के दौरान कई ऐसे भी मौके आए जब कपिल सिब्बल ने नाराजगी का इजहार किया। एक मौके पर वो केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जोरदार बहस हो गई। फिलहाल, सुनवाई पूरी हो गई है और प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मौके पर जानते हैं कि कपिल सिब्बल ने इसी स्तर के बेहद महत्वपूर्ण और कौन-कौन से केस लड़े…1. अयोध्या शीर्षक सूट: उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व अयोध्या शीर्षक सूट में किया, जो अयोध्या, उत्तर प्रदेश में विवादित स्थल के स्वामित्व के लिए एक लंबे समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई थी। 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन सिब्बल के तर्कों की कानूनी विशेषज्ञों द्वारा प्रशंसा की गई।2. नैशनल हेराल्ड केस: उन्होंने गांधी परिवार का प्रतिनिधित्व नैशनल हेराल्ड केस में किया, जो भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा उनके खिलाफ दायर एक भ्रष्टाचार का मामला था। 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को खारिज कर दिया।3. 2जी स्पेक्ट्रम मामला: उन्होंने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा का प्रतिनिधित्व 2जी स्पेक्ट्रम मामले में किया, जो सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर एक भ्रष्टाचार का मामला था। 2017 में सर्वोच्च न्यायालय ने राजा को बरी कर दिया।4. मैगी नूडल्स का मामला: उन्होंने नेस्ले इंडिया का प्रतिनिधित्व मैगी नूडल्स के मामले में किया, जो खाद्य सुरक्षा का एक मामला था, जो एफएसएसएआई द्वारा उनके खिलाफ दायर किया गया था। 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध हटा दिया।5. तीन तलाक का मामला: उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रतिनिधित्व तीन तलाक के मामले में किया, जो इस्लाम में प्रचलित तलाक के एक रूप को चुनौती देने वाला एक संवैधानिक मुद्दा था। 2017 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया।CJI चंद्रचूड़ ने ही जिद पकड़ ली और फंस गए कपिल सिब्बल, कौन हैं आर्टिकल 370 के याचिकाकर्ता अकबर लोन?6. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला: उन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड (AIMPLB) का प्रतिनिधित्व किया। सबरीमाला में रजस्वला महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी थी।7. डेटा संरक्षण विधेयक: उन्होंने वॉट्सऐप का प्रतिनिधित्व डेटा संरक्षण विधेयक में किया, जो एक प्रस्तावित कानून है जो भारत में व्यक्तिगत डेटा के संग्रह और उपयोग को विनियमित करेगा। सिब्बल ने तर्क दिया कि बिल को निजता अधिकारों के लिए अधिक सुरक्षात्मक होना चाहिए।8. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम: उन्होंने कई लोगों का प्रतिनिधित्व किया जो राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किए गए थे। एनएसए, सरकार को किसी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। सिब्बल ने तर्क दिया कि एनएसए एक दमनकारी कानून है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए।9. धारा 377: उन्होंने नाज फाउंडेशन का प्रतिनिधित्व धारा 377 के मामले में किया, जो एक संवैधानिक मुद्दा था जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को चुनौती दी गई थी, जो समलैंगिकता को अपराध बनाती थी। 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 377 को निरस्त कर दिया।10. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम: उन्होंने कई लोगों का प्रतिनिधित्व किया, जिन्हें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था, जो एक कानून है जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा करता है। सिब्बल ने तर्क दिया कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है और इसे संशोधित किया जाना चाहिए।370 का क्या होगा: 16 दिन की सुनवाई में कपिल सिब्बल की ये ‘सिक्सर’ दलीलें क्या केस पलट देंगी!11. निजता का अधिकार: उन्होंने कई लोगों का प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने आधार कार्ड योजना की संवैधानिकता को चुनौती दी, जो एक बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली है। सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में आधार कार्ड योजना की संवैधानिकता को बरकरार रखा।12. नागरिकता संशोधन अधिनियम: उन्होंने कई लोगों का प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती दी, जो एक कानून है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देता है। सर्वोच्च न्यायालय वर्तमान में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई कर रहा है।13. कर्नाटक राजनीतिक संकट: उन्होंने कर्नाटक में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व किया, जब कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और उनकी अयोग्यता को चुनौती दी।14. चुनाव आयोग अधिनियम: उन्होंने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों से कई राजनेताओं का बचाव किया।15. कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला: सिब्बल ने इस हाई प्रोफाइल घोटाले में कुछ अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व किया।आर्टिकल 370 पर मोदी सरकार के वकील ने ऐसा क्या कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट में ही तमतमा गए कपिल सिब्बल?16. जलीकट्टू पर प्रतिबंध: उन्होंने तमिलनाडु के हितों का प्रतिनिधित्व किया जब राज्य ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की समीक्षा करने की मांग की, जिसमें एक पारंपरिक बैल-सवार खेल, जलकट्टू को प्रतिबंधित कर दिया गया था।17. मानहानि का मामला: उन्होंने आरएसएस द्वारा दायर एक मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व किया।18. रिलायंस कम्यूनिकेशंस दिवालियापन: कपिल सिब्बल ने अनिल अंबानी का प्रतिनिधित्व रिलायंस कम्युनिकेशंस की दिवालिया प्रक्रिया में किया।19. हेट स्पीच के मामले: सिब्बल ने विभिन्न राजनेताओं और हस्तियों का बचाव किया है, जो हेट स्पीच या सांप्रदायिक नफरत को फैलाने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।20. प्रियंका गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला: सिब्बल ने प्रियंका गांधी का प्रतिनिधित्व किया जब उन्हें आपराधिक मानहानि के आरोपों का सामना करना पड़ा।कपिल सिब्बल तो बिजी होंगे ही… हम किसी का इंतजार नहीं कर सकते! सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी21. सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला: उन्होंने कांग्रेस नेता शशि थरूर का प्रतिनिधित्व किया, जो उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय मौत से संबंधित मामले में थे।22. BCCI मामला: वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से संबंधित मामलों में शामिल रहे हैं, खासकर इसके प्रशासन और कामकाज को लेकर विवादों के दौरान।23. अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर घोटाले में कुछ अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व किया है।24. INX मीडिया केस: कपिल सिब्बल ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का प्रतिनिधित्व किया, जब उन्हें INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपों का सामना करना पड़ा।25. महाराष्ट्र में राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका: सिब्बल ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन का प्रतिनिधित्व किया जब उन्होंने राज्यपाल के फैसले और देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री के रूप में आश्चर्यजनक शपथ ग्रहण समारोह को चुनौती दी।नोट: ऊपर की जानकारियां AI की मदद से जुटाई गई हैं।