नई दिल्ली: राष्ट्रपति के आमंत्रण पत्र में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने खुशी जाहिर की है। इसके उलट कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों को यह कदम रास नहीं आया है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार I.N.D.I.A से डर और नफरत के चलते देश का नाम बदलने में जुटी है। बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सवाल किया कि अचानक क्या हुआ कि ‘इंडिया’ को सिर्फ ‘भारत’ कहने की जरूरत पड़ गई। तमिलनाडु के सीएम और द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन बोले कि बीजेपी ने ‘इंडिया’ को बदलने का वादा किया था। लेकिन, अब सिर्फ नाम बदल रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा ‘इंडिया’ हमारे देश के लिए स्वीकार्य नाम है। बदलकर ‘भारत’ करने की जरूरत नहीं है।बीजेपी ने जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से संबोधित किए जाने पर खुशी जाहिर की। पार्टी के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि देश के लिए हिंदी नाम का इस्तेमाल उसकी सभ्यता की यात्रा को दिखाता है। केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने इस बारे में विपक्ष की आपत्तियों को भी खारिज कर दिया।केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्व नेताओं के जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ में शनिवार के लिए राष्ट्रपति की ओर से आयोजित जी20 रात्रिभोज का निमंत्रण पत्र साझा किया। प्रधान ने खुद को मिले निमंत्रण की तस्वीर साझा करते हुए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ हैशटैग का इस्तेमाल किया। कहा, “जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता। जय हो।’ इस निमंत्रण को सोशल मीडिया पर खूब साझा किया गया है।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस निमंत्रण को साझा करते हुए लिखा, ‘द प्रेसिडेंट ऑफ भारत। जय हो भारत।’ इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘यह खबर वास्तव में सच है। राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नौ सितंबर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।’उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘अब, संविधान के अनुच्छेद 1 में पढ़ा जा सकता है: ‘भारत जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा’। लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं।’क्या बोले असम के सीएम?असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत के प्रति कांग्रेस की घोर नापसंदगी है। विपक्षी गठबंधन ने ‘भारत’ को नीचा दिखाने के लक्ष्य से इरादतन इसका नाम ‘इंडिया’ चुना।सरमा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘रिपब्लिक ऑफ भारत – खुशी और गर्व है कि हमारी सभ्यता अमृत काल की ओर मजबूती से बढ़ रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अब मेरी आशंका सही साबित हो गई है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी की भारत के प्रति घोर नापसंदगी है। ऐसा प्रतीत होता है कि भारत को शिकस्त देने के लिए I.N.D.I.A नाम इरादतन चुना गया।’कांग्रेस ने क्या दी प्रतिक्रिया?कांग्रेस इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमारे देश का नाम भारत है और इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। चंद्रशेखर ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘हमारा देश भारत है और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’ इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें समझ नहीं आता है कि ‘इंडिया’ की बजाय भारत लिखने से क्या हो जाएगा। कांग्रेस के इस आरोप का जवाब देते हुए कि सरकार संविधान से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हर चीज से समस्या है। उन्होंने दावा किया कि ‘एक दिन कांग्रेस सनातन धर्म को खत्म’ करना चाहती है और दूसरे दिन वे कुछ और कहेंगे। चंद्रशेखर ने कहा, ‘अगर हम भारत का नाम भारत के रूप में नहीं लेंगे, तो हम क्या नाम लेंगे?’ यह पूछे जाने पर कि क्या देश का नाम बदलने पर संसद के आगामी सत्र में चर्चा होगी, मंत्री ने कहा, ‘‘आपको इंतजार करना होगा और देखना होगा।’इसके उलट कांग्रेस ने जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ कहकर संबोधित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमले का आरोप लगाया। दावा किया कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से डर और नफरत के चलते सरकार देश का नाम बदलने में जुट गई है।ममता बनर्जी ने जताया ताज्जुबपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इंडिया ही भारत है तो अचानक ऐसा क्या हुआ कि देश को केवल भारत ही कहना चाहिए। ममता ने कहा, ‘मैंने सुना है कि भारत का नाम बदला जा रहा है। माननीय राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए जी20 के निमंत्रण पत्र पर भारत लिखा हुआ है। हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं… कुछ भी नया नहीं है। दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है। अचानक क्या हो गया कि देश के नाम को बदलने की जरूरत पड़ गई?’ उन्होंने कहा, ‘देश में इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है।’कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने कहा कि हमारे संविधान में यह (इंडिया) निहित है। इसलिए ही इसे ‘कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है। हमारे देश के लिए ‘इंडिया’ एक स्वीकार्य शब्द है। इसे भारत करना… मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है।तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘फासीवादी भाजपा शासन को सत्ता से हटाने के लिए गैर भाजपाई शक्तियों के एकजुट होने और अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने के बाद अब भाजपा ‘इंडिया’ को ‘भारत’ करना चाहती है। भाजपा ने इंडिया को बदलने का वादा किया था लेकिन नौ साल बाद हम सभी को सिर्फ नाम बदले हुए नजर आ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ‘इंडिया’ शब्द से परेशान हो चुकी है क्योंकि उन्हें विपक्षी एकता की ताकत का अंदाजा हो गया है। चुनावों के दौरान ‘इंडिया’ भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देगा। इंडिया, इंडिया ही रहेगा।’