India China News: अब श्रीलंका में ड्रैगन का नया दांव, पेट्रोलियम के फील्ड में बढ़ेगी भारत-चीन में तनातनी – india vs china in sri lanka now in the field of petroleum

नई दिल्ली: लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत की सख्ती से परेशान चीन अब श्रीलंका में नई पेच फंसाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, श्रीलंका में भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल की सब्सिडियरी जरिए ईंधन बेचा जाता है। पर अब चीन भी श्रीलंका में तेल बेचने की फिराक में है। इसके लिए वह अपनी साइनोपेक कंपनी के जरिए इस द्वीपीय देश तेल का कारोबार शुरू करने वाला है। श्रीलंका की नई उदारीकरण नीति का फायदा उठाते हुए ड्रैगन वहां अपने पैर पसारने की कोशिश में जुटा है।गौरतलब है कि श्रीलंका IOC का संचालन भारतीय कंपनी इंडिया ऑयल के जरिए होता है। गौरतलब है कि श्रीलंका IOC अपने रिटेल नेटवर्क के विस्तार करने के लिए 30 नए पेट्रोल पंप के लिए बोली मंगाई है। अभी श्रीलंका में 250 पेट्रोल पंप हैं। श्रीलंका IOC लंका में 2003 में पहुंचा था। कंपनी श्रीलंका में अकेले 16% पेट्रोल और करीब 35 डीजल का कारोबार करती है।श्रीलंका ने चीन में फंसाया पेचचीन की साइनोपेक कंपनी उन तीन कंपनियों में से एक है जिसको श्रीलंका ने पेट्रोल पंप लगाने के लिए चुना है। ऑस्ट्रेलिया की यूनाइटेड पेट्रोलियम और अमेरिका की आर एम पार्क्स दो अन्य कंपनियां हैं। श्रीलंका के उदारीकरण नीति के तहत साइनोपेक को श्रीलंका की नेशनल ऑयल कंपनी के संचालन वाली 1,200 रिटेल आउटलेट में से 150 के संचालन का अधिकार 20 साल के लिए मिल जाएगा। 150 अन्य रिटेल आउटलेट आर एम पार्क्स को मिलेगा। इन सभी कंपनियों को श्रीलंका में अपना काम शुरू करने में 3-4 महीने का वक्त लगेगा। हालांकि यूनाइटेड पेट्रोलियम की योजना के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।यही नहीं, चीन की साइनोपेक उन दो कंपनियों में शामिल है जिसको श्रीलंका ने हंबनटोटा में 4 अरब डॉलर की रिफाइनरी लगाने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। इस बंदरगाह को श्रीलंका ने चीन को 99 साल के पट्टे पर दिया है। इस मसले को भारत ने श्रीलंका के सामने कई बार उठाया है।मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि साइनोपेक श्रीलंका IOC से आगे निकल सकता है। क्योंकि IOC अपने पेरेंट्स रिफाइनरी से तेल मंगवाती। इसकी वजह है कि श्रीलंका में तेल साफ करने की क्षमता कम है। यही नहीं कीमतों के मामले में भी साइनोपेक नया दांव खेल सकता है और श्रीलंका IOC से सस्ते में तेल बेच सकती है।