India China Relations News: भारत से मिले कारोबारी झटकों के बाद अब चीन नई दिल्ली से रिश्ते सहज करने की कोशिश में जुटा हुआ है। दरअसल, दुनिया में भारत के बढ़ते कद ने ड्रैगन को बैकफुट पर धकेल दिया है। हाइलाइट्सभारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए चीन लगा रहा है जोरलद्दाख में तनातनी के बाद से पिछले काफी वक्त से दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब हैचीन के इस रुख के पीछे की इनसाइड स्टोरी जान लीजिएनई दिल्लीः पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा कि पिछले साल बाली में G20 समिट के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंधों को स्थिर करने के लिए एक सहमति बनी थी। दिलचस्प है कि तब भारत की ओर से जो बयान जारी किया गया था जिसमें मोदी और जिनफिंग की मुलाकात का जिक्र ही नहीं था। हालांकि बाद में विदेश मंत्रालय ने इस बात पर मुहर लगाई कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। तभी से कूटनीति की दुनिया में एक सवाल तैर रहा है कि क्या चीन भारत के साथ रिश्तों को सहज दिखाने की कोशिशें कर रहा है?भाषा, शब्दावली का चयन बहुत कुछ कहता हैबीते दिनों चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में एक लेख छपा। इस लेख में एक्सपर्ट्स के हवाले से ये बताने की कोशिश की गई कि किस तरह पश्चिम के देश, खासकर अमेरिका, भारत और चीन के जटिलता वाले रिश्तों को तूल दे रहे हैं। लेख में कहा गया कि किस तरह ऐसा करके BRICS के भविष्य को कम आंक कर दिखाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन चीन अपनी ओर से ये उम्मीद भी जता रहा है कि बॉर्डर विवाद के मुद्दों का असर ना तो द्विपक्षीय रिश्तों पर पड़ेगा और ना ही BRICS पर। कुल मिलाकर इस लेख की भाषा दोनों देशों के रिश्तों को लेकर थोड़ी नर्म और सॉफ्ट टोन में दिखी।क्यों अहम है डिप्लोमैसी की भाषाडिप्लोमैसी की दुनिया में भाषा का अपना महत्व होता है। पूर्वी लद्दाख में विवाद के मुद्दों को लेकर बीते दिनों दोनों देशों के कोर कमांडर लेवल की 19वीं दौर की बैठक के बाद जारी हुए साझा बयान को भी एक्सपर्ट्स उसी निगाह से देख रहे हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि इस बयान में ‘सकारात्मक’, ‘फॉरवर्ड लुकिंग’ और ‘ओपन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल, कई संकेत देते हैं। क्योंकि इससे पहले 18 दौर की बैठकों के बाद जारी हुए बयानों में ऐसे शब्दों का इतना इस्तेमाल नहीं हुआ था। इस बैठक के तुरंत बाद दोनों ओर से दौलत बेग ओल्डी और चुशूल में LAC पर मेजर जनरल लेवल की बैठक भी हुई।चीन की आर्ट ऑफ डिप्लोमैसीदरअसल चीन का ये पैटर्न पुराना है। चीन जब कोई आधिकारिक बयान या नोट जारी करता है तो वह उसकी व्यावहारिक नीतियों से अलग होता है। ऐसा खासकर तब ज्यादा देखने को मिलता है, जब वह किसी वैश्विक प्लैटफॉर्म में शिरकत करने वाला हो। इसके दो हालिया उदाहरण भी हैं। 2022 में गोगरा हॉट स्प्रिंग से डिसएंगेजमेंट हुआ था। इसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि दोनों देशों के नेताओं के बीच समरकंद में SCO समिट के दौरान अलग से बातचीत हो सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वहीं, बाली समिट में शी जिनफिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात होने के करीब 10 महीने बाद भी चीन की ओर से ऐसे कदम नहीं उठाए गए, जिससे कि संबंध सामान्य होने की दिशा में आगे बढ़ पाएं।सब कुछ ठीक है दिखाने की हड़बड़ी क्योंबीते कुछ वर्षों में भारत के कूटनीतिक कद में खासा इजाफा हुआ है। अपनी समान दूरी वाली विदेश नीति की वजह से उसकी बात हर वैश्विक मंच पर सुनी जाती है। वहीं, अमेरिका के साथ भारत की बढ़ती करीबी भी चीन को काफी समय से असहज कर रही है। पिछले एक साल से चीन इस नरेटिव को बनाने की कोशिश में लगा है कि सीमा पर सब कुछ ठीक है। इसके पीछे कई वजहें हैं। जिसमें अमेरिका से दबाव के बीच आर्थिक और आंतरिक मोर्चे की चुनौतियां शामिल हैं। ऐसे में चीन ये जानता है कि भारत के साथ डिप्लोमैसी के लेवल नेगेटिव अप्रोच उसके हित नहीं साधेगी। खासकर BRICS और G20 दोनों इवेंट में उसे भारत के सहयोग की दरकार है। BRICS की साझा करंसी को डी-डॉलरीकरण की दिशा में चीन खासा अहम मानता है। वहीं, BRICS के विस्तार में अपने सहयोगियों की एंट्री का मामला भी आपसी सहयोग और सहमति से जुड़ा है।पुराने पैटर्न पर लौटेगा चीन!ऐसे में एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि बहुत मुमकिन है कि दोनों नेताओं के बीच जोहानिसबर्ग में बातचीत हो जाए। लेकिन उसके बाद आशंका ये भी है कि चीन अपने उसे पुराने पैटर्न पर लौट आएगा, जिसमें वो आर्ट ऑफ डिप्लोमैसी के तहत अपने हितों के लिए अड़ियल रुख अख्तियार करता रहा है। ये नहीं भूलना चाहिए कि पिछले दस महीने में चीन ने भारत में राजदूत रखने का संकेत तक फिलहाल नहीं दिया है।अल्पयू सिंह के बारे मेंNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें