हाइलाइट्स:भारतीय सेना को मिले 12 नए शॉर्ट स्पैन ब्रिजइन ब्रिज के जरिए टैंक आसानी से पार करता है छोटी नदीअब तक 5 और 15 मीटर स्पैन के ब्रिज थे सेना के पासपाकिस्तान बॉर्डर पर कर रहे हैं तैनातीनई दिल्लीभारतीय सेना को बॉर्डर तक टैंक पहुंचाने में अब सहूलियत होगी। भारी टैंकों को छोटी नदी या नालों से गुजरने में नए शॉर्ट स्पैन ब्रिज मदद करेंगे। भारतीय सेना को 10 मीटर के 12 नए स्वदेशी शॉर्ट स्पैन ब्रिज मिले हैं। ऐसे कुल 100 ब्रिज सेना को मिलने हैं।पिछले साल जब ईस्टर्न लद्दाख में लाइऩ ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ तनाव शुरू हुआ था तब भारतीय सेना ने कम से समय में ऐसी इलाकों तक टैंक पहुंचा दिए जहां पहले कभी टैंक नहीं पहुंचे थे। बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में टैंक पहुंचाना बहुत जटिल काम है। हाई एल्टिट्यूट में टैंकों को पहुंचाने के लिए कई छोटे बड़े नालों और नदियों से गुजरता होता है। भारी भरकम टैंक वहां पहुंचाना कठिन चुनौती होती है।पाकिस्तान बॉर्डर पर कई ऐसे इलाके हैं जहां टैंकों को पहुंचाने के लिए छोटी नदियों से गुजरता पड़ता है। शुक्रवार को भारतीय सेना को दस मीटर के 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिज मिले। भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर में इन्हें शामिल किया गया। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि ये शॉर्ट स्पैन ब्रिज भारत में ही बने हैं और आत्मनिर्भर भारत के तहत सफलपूर्ण क़दम है। इस ब्रिज के सेना में शामिल होने से हमारी कपैसिटी और बढ़ेगी।भारतीय सेना के पास 5 और 15 मीटर के ब्रिज पहले से थे लेकिन 10 मीटर ब्रिज की कमी महसूस होती थी जो अब पूरी हो गई। उन्होंने कहा कि इससे वेस्टर्न फ्रंट (पाकिस्तान बॉर्डर) पर मैकेनाइज कॉलम की ताकत बढ़ेगी। इस ब्रिज को डीआरडीओ ने डिजाइन किया है और लार्सन एंड टर्बो ने इसका निर्माण किया है। भारतीय सेना को ऐसे कुल 100 ब्रिज मिलने है। उम्मीद की जा रही है कि सभी ब्रिज 2023 तक सेना को मिल जाएंगे। इस ब्रिज सिस्टम से सेना मूवमेंट के दौरान किसी भी तरह के पानी वाले अवरोध को आसानी से पार कर सकेगी। ब्रिज की खासियत है कि ये महज़ 9 से 10 मिनट में खुल जाएगा और दस मीटर की चौड़ाई वाले नदी- नालों पर एक मजबूत पुल तैयार कर देगा। इस तरह के 5 ब्रिज को एक के साथ एक जोड़ा जा सकता है। भारतीय सेना के पास पहले से ही मौजूद 5 और 15 मीटर स्पैन वाले ब्रिज को जोड़कर 70 मीटर से ज्यादा चौड़ी नदी या नाले को आसानी से पार किया जा सकता है। पाकिस्तान बॉर्डर पर नदी-नालों की अधिकतम चौड़ाई 70 मीटर तक ही है। ऐसे में मैकेनाइज इंफ्रेंट्री और टैंकों को आसानी से बॉर्डर तक पहुंचाया जा सकता है। भारतीय सेना इंजीनियर कोर के प्रमुखलेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि अभी पाकिस्तान फ़्रंट पर इन ब्रिज को तैनाती की जा रही है और चीन के फ़्रंट पर भी भारतीय सेना के भारी भरकम टैंक मूवमेंट के लिए ब्रिज पर काम जारी है। ये ब्रिज 70 टन का वजन वहन कर सकते हैं।