नई दिल्ली: यूक्रेन में कई भारतीयों के फंसे (Indians Stranded In Ukraine) होने के बीच सरकार सोशल मीडिया समेत कई प्लेटफॉर्मों पर वीडियो अपलोड यह बता रही है कि युद्धग्रस्त क्षेत्र में वह किस प्रकार सुरक्षित रहें। इस सिलसिले में सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में गोलाबारी और मिसाइल हमलों के बीच सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में पूर्व सैन्य जनरलों के साक्षात्कार लिये हैं। ‘सूचना का अभाव सबसे बड़ी चुनौती’भारतीय थलसेना (Indian Navy) की 15 कोर का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सतीश दुआ ने कहा कि युद्ध क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती सूचना का अभाव होता है, जिसके चलते अफवाहें फैलती हैं। उन्होंने कहा कि बंकरों, बेसमेंट या बम निरोधक स्थानों में से जो कुछ भी उपलब्ध हो, उसमें रहना बेहतर है और भोजन लेने के लिए बाहर जाना खतरनाक हो सकता है।’फोन की बैटरी बचाना सबसे महत्वपूर्ण’लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सुधाकर जे. ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए फोन की बैटरी बचाना महत्वपूर्ण है कि कोई व्यक्ति कभी भी संपर्क से बाहर न हो। चूंकि भोजन और पानी की आपूर्ति सीमित होती है, इसलिए अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी जाती है।’युद्ध क्षेत्रों में फंसे लोग अकेले न रहें’एक अन्य पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एस. ए. हसनैन का विचार है कि युद्ध क्षेत्रों (War Zones) में फंसे लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे अकेले न रहें। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो लोगों को समूहों में रहना चाहिए। 15 कोर के पूर्व कमांडर ने कहा कि यदि संभव हो तो कम से कम दो लोगों को एक साथ होना चाहिए और जोड़े बनाने चाहिए ताकि वे अकेला महसूस न करें और खो न जाएं। उनका विचार है कि युद्ध क्षेत्रों में सैन्य प्रतिष्ठानों के पास रहने से बचना चाहिए क्योंकि वे मिसाइल हमलों और गोलाबारी का मुख्य लक्ष्य होते हैं।आपको बता दें कि, सरकार ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत, फंसे हुए भारतीयों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों के जरिये बाहर निकाल रही है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा है कि बृहस्पतिवार को वायुसेना की 19 उड़ानों के जरिये 3,726 लोगों को वापस लाया जायेगा।