मुझे मिलने का चांस मिलेगा,पता नहींविपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे खड़े हुए। उन्होंने कहा कि जो सदस्य रिटायर हो रहे हैं, वे हमसे दूर नहीं रहेंगे क्योंकि राजनीति में ऐसा होता है थोड़े दिन के लिए वे हमसे अलग भी रहे, फिर दूसरी दफा मिलने का चांस रहता है। लेकिन आपको (सभापति की तरफ इशारा करते हुए) और मुझे उनसे मिलने का चांस आएगा कि नहीं क्योंकि उमर के लिहाज से हमको सोचना चाहिए।खरगे ने कहा कि जो मेंबर्स यहां आते हैं वे अपनी विचारधारा लेकर आते हैं लेकिन उनको अगर अपनी बात रखने के लिए समय नहीं मिलता… सभापति ने मुस्कुराते हुए कहा कि सर, दिल की बात और मन की बात दोनों कहने का अवसर मिलना चाहिए। खरगे ने कटाक्ष किया कि मन की बात तो मोदी साहब करते हैं, मैं दिल की बात करता हूं। सभापति ने कहा कि चलो मन की बात दिल से… खरगे ने कहा कि नहीं, दिल अलग है मन अलग है। सभी हंस पड़े। सभापति ने कहा कि सर, कभी तो आप पॉइंट स्कोर करने का मौका दें। खरगे ने जवाब दिया कि आप हमेशा स्कोर करते हैं लेकिन कभी-कभी मणिपुर जैसे मुद्दे हमको आपको अलग कर देते हैं। आप उधर ज्यादा देखते हैं इधर नहीं देखते हैं। वहीं मुश्किल हो जाती है।विपक्ष के नेता ने कहा कि रिटायर होने के बाद ये सदस्य सामाजिक कार्य करते हैं। सब पढ़े-लिखे लोग आए हैं। इनमें यंग लोग भी हैं। मैं अपेक्षा करता हूं कि वे समाज की सेवा करें। जिस विचारधारा पर वे विश्वास रखते हैं उस पर चलने की कोशिश करें तभी देश को लाभ होगा। ये सदन हो या वो सदन हो, फिर आ गए तो निश्चित रूप से समाज को फायदा होगा। मैं यही कहूंगा कि ये लोग परमानेंट रिटायर नहीं हो रहे हैं। ये गवर्नमेंट सर्वेंट नहीं हैं। कभी-कभी मुझे अजीब लगता है कि लोग कहते हैं कि रिटायर हो गए। अरे, रिटायर होने के लिए पॉलिटिक्स में आए हो? राजनीति में तो आप वसूलों-विचारधारा को सतत जीवित रखने के लिए आते हैं। क्या यहां सर्विस करने आए थे? यह तो लाइफ लॉन्ग सर्विस है।