नई दिल्‍लीकश्‍मीर को भारत में नेहरू ने मिलाया या पटेल ने? सरदार पटेल क्‍या जिन्‍ना के साथ मिले थे? क्‍या पटेल जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना चाहते थे? कौन हीरो था कौन विलेन? इन सवालों का जवाब देने के लिए न तो आज जवाहरलाल नेहरू हैं न सरदार वल्‍लभभाई पटेल। हां, ‘चाटुकारों’ के कारण ये सवाल जरूर उठ खड़े हुए हैं। विवाद पैदा हुआ कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में जब कांग्रेस नेता तारिक हमीद कारा ने आलाकमान की मक्‍खन-पॉलिश के चक्‍कर में सभी हदें पार कर दीं। देश के पहले ड‍िप्‍टी पीएम वल्‍लभभाई को विलेन बना डाला, जो नहीं चाहते थे कश्‍मीर भारत का हिस्‍सा बने। उनके जिन्‍ना के साथ मिले होने की बात भी कही। बात गुजरे शनिवार की है। उस दिन सीडब्‍लूसी की बैठक थी। इसमें कांग्रेस के तमाम दिग्‍गज नेताओं ने शिरकत की थी। जम्‍मू-कश्‍मीर के नेता तारिक हमीद कारा भी इस बैठक में शामिल हुए थे। इसमें कारा गांधी परिवार का गुणगान करते हुए सबकुछ भूल गए। राहुल गांधी को जल्‍द से जल्‍द कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाने की वकालत की। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जमकर तारीफ की। उन्‍हें आजादी के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर को भारत के साथ मिलाने का क्रेडिट दिया। हालांकि, इसी क्रम में सरदार पटेल को निशाने पर ले लिया। पटेल को बदनाम कर रही कांग्रेस, बीजेपी ने CWC बैठक का हवाला देकर लगाया आरोपकांग्रेस के कुछ नेता तक चौंक गएबताया जाता है कि कारा ने देश की एकता को बनाए रखने में नेहरू और गांधी परिवार का जमकर बखान किया। ऐसा करते हुए उन्‍होंने यह भी कहा कि कश्‍मीर को भारत में जोड़ने का श्रेय सिर्फ नेहरू को जाता है। पटेल के कारण ऐसा नहीं हुआ। इन बातों से कांग्रेस के कुछ नेता भी असहज हो गए। तीन सीनियर लीडर्स ने हस्‍तक्षेप किया और उनसे विषय से नहीं भटकने के लिए कहा। उन्हें याद कराया गया कि पटेल भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे जिनका भारत के एकीकरण में अभूतपूर्व योगदान है। क्‍या-क्‍या बोले कारा?कारा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग आज भारत में हैं तो इसका श्रेय सिर्फ नेहरू को जाता है। जहां तक पटेल का सवाल है तो वो भारत का बंटवारा कर पाकिस्तान बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना के खेमे में थे। कारा ने यह भी कहा कि पटेल तो जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के हाथों सौंपने को तैयार थे। क्‍या है सच?दरअसल, जब कश्‍मीर में भारत का विलय हुआ तो सरदार पटेल कश्‍मीर को लेकर भारत सरकार के कई कदमों से नाराज थे। इनमें जनमत संग्रह, संयुक्‍त राष्‍ट्र में मामले को ले जाना, उन हालातों में संघर्ष विराम करना जैसे मुद्दे शामिल थे। महाराजा के राज्‍य के बाहर जाने को लेकर भी पटेल असहम‍त थे। यह सच है कि कश्‍मीर में भारत का विलय कई शर्तों के साथ हुआ था। इसे लेकर एक राय भी नहीं थी। हालांकि, तब की स्थितियों को देखते हुए कई चीजों पर फैसला लिया गया। इसमें कश्‍मीर को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को भी स्‍वीकार किया गया था। राज्‍य को और भी कई तरह की रियायतें दी गईं। कश्‍मीर का भारत में विलय एक जटिल मसला था और इस पर काफी मंथन के बाद फैसला लिया गया। तब देसी रियासतों को दो अलग हुए देशों में शामिल करने की बड़ी चुनौती थी। ऐसे में पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्‍मद अली जिन्‍ना भी सभी तरह की जोड़तोड़ में लगे थे। जहां ज्‍यादातर रियासतों पर फैसला हो गया। वहीं, जम्‍मू-कमीर के महाराज हरि सिंह की हीला हवाली के चलते मामला अटका रह गया। पाकिस्‍तान के हमले के बाद हरि सिंह भारत के साथ विलय को तैयार हुए थे। ऐसे में भारत के साथ जम्‍मू-कश्‍मीर के विलय में नेहरू या पटेल में से किसी को श्रेय देना सही नहीं है। इसमें दोनों का ही योगदान था। बीजेपी हुई हमलावरमीडिया में ये खबरें आते ही बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई। भगवा पार्टी ने कांग्रेस पर जम्मू- कश्मीर को लेकर भ्रम की राजनीति करने का आरोप लगाया। कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सरदार वल्लभभाई पटेल को विलेन के तौर पर पेश किया गया। उसने कारा की टिप्‍पणी पर कांग्रेस आलाकमान की आलोचना की। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मांग की कि हम सबके आदर्श सरदार पटेल को विलेन के तौर पर पेश करने के लिए कारा को पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए। उन्‍होंने सवाल उठाया कि जब बैठक में कश्मीर नीति पर सरदार पटेल के बारे में कांग्रेस नेता इस तरह की बातें बोल रहे थे, तो क्‍या उस समय सोनिया गांधी ने इस पर कुछ कहा? गांधी परिवार का सबसे बड़ा वफादार कौन, CWC मीटिंग में कांग्रेसियों के बीच रही साबित करने की होड़आरोप-विपक्ष भ्रम की राजनीति कर रहापात्रा ने कांग्रेस पर एक परिवार की पार्टी होने का आरोप लगाया। बोले कि सिर्फ एक परिवार को ऊपर रखने के लिए कांग्रेस सरदार पटेल समेत अन्य नेताओं को लेकर भ्रम फैला रही है। संबित पात्रा ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीडब्लूसी की बैठक में सरदार पटेल के बारे में कांग्रेस नेता के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष भ्रम की राजनीति कर रहा है। पात्रा ने सीडब्लूसी की बैठक में तारिक हमीद कारा के बयान की खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि कारा ने बैठक में यह कहा था कि सरदार पटेल जिन्ना के साथ मिले हुए थे। जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना चाहते थे। वहीं, जवाहर लाल नेहरू जम्मू कश्मीर को भारत में रखना चाहते थे।