jp nadda on union budget, लोक कल्याणकारी है अमृतकाल का पहला आम बजट: जेपी नड्डा – union budget reactions first budget of amritkal says bjp chief jp nadda

नई दिल्ली: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को अमृतकाल का पहला आम बजट बताते हुए इसे लोक कल्याणकारी बजट करार दिया है। उन्होंने आगे कहा कि यह बजट बच्चों की पढ़ाई, मध्यम वर्ग की कमाई और बुजुर्गों की भलाई पर जोर देने वाला है। जेपी नड्डा ने इसे गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और आर्थिक रूप से पिछड़ों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट बताते हुए कहा है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर प्राप्त कराने वाला बजट है।Budget 2023 Haryana: हर वर्ग को ध्यान में रखकर पेश किया बजट… हरियाणा के CM खट्टर ने की वित्त मंत्री की तारीफनड्डा ने दावा किया कि इस बार के बजट का एजेंडा- नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना है और इसलिए समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना इस बजट की प्राथमिकताएं हैं। भाजपा अध्यक्ष ने बजट को सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी एवं देश के जन-जन के सर्वांगीण कल्याण हेतु समर्पित बताते हुए इस बजट के लिए भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्री सीतारमण और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।बजट सत्र के लिए राहुल गांधी पहुंचे संसद भवन, लगे ‘भारत जोड़ो’ के नारेबजट में आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान: बाबूलाल मरांडीझारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि आज के बजट में प्रधानमंत्री जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास की झलक दिखाई पड़ती है। इसमें गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ा वर्ग, व्यापारी वर्ग एवं मध्यम वर्ग का विशेष खयाल रखा गया है। झारखंड, विशेषकर आदिवासी भाइयों के लिए कई लाभकारी कदम उठाए गए हैं। वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अगले 3 सालों में एकलव्य आवासीय विद्यालय में 38,800 शिक्षकों और स्टाफ की नियुक्ति होगी। इस कदम से लगभग साढ़े तीन लाख आदिवासी छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा।