हाइलाइट्स:त्रिपुरा में बीजेपी की बिप्लब देब सरकार पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने खुद जाएंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डात्रिपुरा में सत्ताधारी बीजेपी और गठबंधन साझीदार आईपीएफटी के कुछ विधायक सीएम से हैं नाराजआईपीएफटी के कुछ नेताओं ने दिल्ली आकर जेपी नड्डा से मुलाकात की, अपनी चिंताओं के बारे में बतायामुकुल रॉय के बीजेपी छोड़ फिर से टीएमसी में जाने के बाद त्रिपुरा में बीजेपी सरकार पर संकट की जताई जा रही आशंकानई दिल्लीत्रिपुरा सरकार में बीजेपी और आईपीएफटी गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा त्रिपुरा जाएंगे। बीजेपी की सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के नेताओं ने दिल्ली आकर नड्डा से मुलाकात की और उन्हें अपनी चिंताओं के बारे में बताया। त्रिपुरा में लेफ्ट की 25 साल पुरानी सत्ता को खत्म कर बीजेपी ने पहली बार आईपीएफटी के साथ सरकार बनाई। जहां बीजेपी के कुछ विधायक सीएम बिप्लव देव से नाराज चल रहे हैं और अपनी आवाज भी बीच-बीच में बुलंद करते रहते है, वही आईपीएफटी विधायक भी सरकार से खुश नहीं हैं।सूत्रों के मुताबिक आईपीएफटी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को बताया कि कई वजहों से राज्य में लोग सरकार से खुश नहीं हैं। जो वजह उन्होंने गिनाई उसमें एक यह भी शामिल है कि सरकारी कर्मचारियों का एक दशक से भी ज्यादा वक्त से प्रमोशन नहीं हुआ। हालांकि, कुछ वक्त पहले अडॉक प्रमोशन का रास्ता साफ किया गया है। सूत्रों के मुताबिक आईपीएफटी ने पहले अपनी चिंताओं से सीएम बिप्लव देव को अवगत कराया लेकिन कोई हल नहीं निकला। कुछ दिन पहले जब बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष त्रिपुरा गए थे तो आईपीएफटी नेताओं ने उनके सामने भी अपनी बात रखी थी। अब जेपी नड्डा से मिलने के बाद उन्हें उम्मीद है कि राज्य की ट्राइबल आबादी को खुश करने के लिए जरूर कुछ कदम उठाए जाएंगे। आईपीएफटी के जनरल सेक्रेटरी और राज्य में ट्राइबल वेलफेयर मिनिस्टर मेवर कुमार जमातिया के नेतृत्व में आईपीएफटी के चार नेताओं का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में नड्डा से मिला। जमातिया ने कहा कि हमें नड्डा ने बातचीत के लिए बुलाया था तब हम दिल्ली आए। उन्होंने कहा हमने नड्डा को एक डिटेल ज्ञापन भी दिया है जिसमें हमारी कई मांगें हैं। नड्डा ने त्रिपुरा आकर सभी का हल निकलाने का भरोसा दिलाया है।हालांकि, बीजेपी के एक नेता के मुताबिक आईपीएफटी की चिंता इस वक्त बीजेपी के साथ गठबंधन को बचाने की है। हाल ही में हुए एडीसी (ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल) के चुनाव में बीजेपी- आईपीएफटी गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा। बीजेपी नेता ने कहा कि आईपीएफटी तो एक सीट भी नहीं जीत पाई। चुनाव से कुछ महीने पहले बनी नई पार्टी टीआईआरए ने अच्छा प्रदर्शन किया। ट्राइबल इलाकों में टीआईआरए के अच्छे प्रदर्शन से आईपीएफटी की चिंता भी बढ़ी है। अब ट्राइबल आबादी को अपने साथ लाने के लिए आईपीएफटी चाहती है कि राज्य में खाली पदों को भरने के लिए स्पेशल ड्राइव चलाई जाए। आईपीएफटी नेता ने माना कि नई ट्राइबल पार्टी की तरफ लोग आकर्षित हो रहे हैं लेकिन साथ ही कहा कि एडीसी चुनाव में हमें 12 पर्सेंट वोट मिले, जो कम नहीं हैं।त्रिपुरा में कैबिनेट विस्तार की भी सुगबुगाहट है। चार नए मंत्री बनाए जा सकते हैं और आईपीएफटी की मांग है कि इन चार में से एक मंत्री उन्हें भी मिले। अभी आईपीएफटी के 8 विधायक हैं जिनमें दो मंत्री हैं।