Kerala News: डॉक्टर कहें या झोलाछाप… महिला का ऑपरेशन कर पेट में ही छोड़ दी कैंची – kerala scissors left in woman after surgery kozhikode medical college

तिरुवनंतपुरम: डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। माना जाता है कि अगर ईश्वर के बाद इंसान की कोई रक्षा करता है तो वो डॉक्टर ही है। लेकिन जब डॉक्टर ही लापरवाह बन जाए तो इंसान की जान जाने में भी वक्त नहीं लगता है। जिम्मेदारी के वक्त लापरवाही का एक ऐसा ही केस केरल से भी सामने आया है, जहां कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन करते वक्त पेट में ही कैंची छोड़ दी और भूल गए। महिला ने हार नहीं मानी और अपनी लड़ाई को जारी रखा। पहले तो कहा गया कि इसमें डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही नहीं है, लेकिन फिर जांच के आदेश के बाद पता चला कि वाकई महिला सही कह रही थी।पुलिस ने रिपोर्ट में किया खुलासापुलिस की जांच रिपोर्ट में पीड़ित महिला हर्षिना के दावे की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वाकई महिला के पेट में मिली कैंची साल 2017 में सिजेरियन सेक्शन के दौरान कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने छोड़ दी थी। हर्षिना ने सोमवार सुबह विशेष पुलिस जांच दल की रिपोर्ट के बाद कहा, ‘चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम ने पहली जांच में डॉक्टरों की ओर से की गई लापरवाही से इनकार किया गया था। लेकिन लगातार विरोध के बाद पुलिस जांच शुरू की गई। मुझे खुशी है कि आखिरकार सच्चाई सामने आ गई है। क्योंकि जब मैंने 2017 में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गड़बड़ी के बारे में बताया था, तो इसे ठुकरा दिया गया था। मैं तब तक लड़ूंगी, जब तक मुझे पूरी तरह से न्याय नहीं मिल जाता।’हद हो गई! बाएं की बजाय दाहिने पैर का किया ऑपरेशन, फिर डॉक्टर के साथ हो गया यह खेलपीड़ित महिला ने जारी रखी लड़ाईकोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दो डॉक्टरों और दो नर्सिंग स्टाफ को गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है, जो ऑपरेशन में की गई लापरवाही पर भविष्य में फैसला करेगा। पिछले कई महीनों से हर्षिना इसे लेकर विरोध कर रही थी। हालांकि मार्च में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज से आश्वासन के बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया था। वीना जॉर्ज ने हर्षिना को कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने फिर से विरोध शुरू कर दिया।निगेटिव रिपोर्ट से परेशान हो गई थी हर्षिनाहर्षिना ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने मुझे कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब मैं इसका इंतजार करूंगी, क्योंकि सच्चाई सामने आ गई है। मुझे न्याय चाहिए। इस साल की शुरुआत में जब एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दर्शाता हो कि कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारियों ने उसके पेट में कैंची छोड़ दी थी, तो वह इससे बहुत परेशान हो गई थी।Noida: पथरी का गलत ऑपरेशन करने का आरोप, Delivery Boy की नौकरी करने वाले पिता को खर्च करने पड़े 12 लाख रुपयेतीसरी डिलीवरी के लिए गई थी पीड़ितामहिला को परेशानी तब शुरू हुई जब वह 30 नवंबर 2017 को अपनी तीसरी डिलीवरी के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल गई, तभी यह गड़बड़ी हुई। उसे अपने पेट में बार-बार होने वाले दर्द का अनुभव याद आया। कई परामर्शों और जांचों के बावजूद भी महिला का दर्द कम नहीं हुआ। एक रेडियोलॉजिकल जांच से पता चला कि महिला के पेट में कैंची मौजूद है। संयोग से पिछले साल अक्टूबर में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी के बाद उसे निकाल दिया गया।