नयी दिल्लीदेश में विकसित अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (एईआरवी) के पहले सेट को मंगलवार को सेना की इंजीनियर्स कोर में शामिल किया गया।थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पुणे के पास खड़की में बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप (बीईजी) में एक समारोह में वाहनों को शामिल किया और उन्हें झंडी दिखाकर रवाना किया। सेना के बेड़े में इसके शामिल होने से आर्मी की ताकत में और इजाफा होगा।पहले बैच को किया गया शामिलभारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को पुणे में इंजीनियर्स कोर में स्वदेश में विकसित किए गए अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहनों (एईआरवी) के पहले बैच को शामिल किया। पुणे के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी) में हुए कार्यक्रम में सेना अध्यक्ष ने कहा कि इन स्वदेशी उपकरणों और वाहनों से अभियानों में तेजी आएगी और पश्चिमी मोर्चे को इससे विशेष मदद मिलेगी।सीमाएं सुरक्षित होंगी- आर्मी चीफउन्होंने कहा कि इन वाहनों को शामिल करने के साथ ही हमने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जनरल नरवणे ने कहा कि पश्चिमी सीमा पर तैनात स्ट्राइक कोर और बख्तरबंद संरचनाओं के लिए एईआरवी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस प्लेटफॉर्म से टोही प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और हमारी सीमाएं अधिक सुरक्षित हो सकेंगी।उन्होंने कहा, AERV की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, विशेष रूप से हमारे बख्तरबंद फॉर्मेशन स्ट्राइक कोर के लिए, जो मुख्य रूप से पश्चिमी सीमा पर काम कर रहे हैं… यह प्लेटफॉर्म टोही की प्रक्रिया को गति देगा जो पहले मैन्युअल रूप से किया जाता था। इसका विकास डीआरडीओ और हमारे इंजीनियरों के साथ साझेदारी में किया गया है। यह उपयोगकर्ता और उद्योग के बीच सहयोग का एक बहुत अच्छा उदाहरण है। यह ‘मेक इन इंडिया’ समाधानों की ओर जाने का एक आदर्श उदाहरण है।