हाइलाइट्स:एमपी में सोमवार को रेकॉर्ड वैक्सीनेशन, 16.41 लाख लोगों को लगा टीकासीएम शिवराज सिंह चौहान ने भिंड जिले के गांव से वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की थीपूरे देश में सोमवार को सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन एमपी में हुआवैक्सीनेशन के मामले में कर्नाटक दूसरे और यूपी तीसरे नंबर परभोपालएमपी में सोमवार को रेकॉर्ड लोगों को कोरोना का टीका लगा है। मंगलवार को हुए रिव्यू में यह बात सामने आई है कि प्रदेश में सोमवार को 16 लाख 95 हजार लोगों को कोरोना का टीका लगा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए मंत्रियों और अधिकारियों को बधाई दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस सफलता पर मीडिया से बात की है। उन्होंने इस रेकॉर्ड का राज भी बताया है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम के नेतृत्व अगर वैक्सीन की सप्लाई ऐसे ही होती रही तो एमपी में अक्टूबर तक टीकाकरण का काम पूरा हो जाएगा। सीएम ने कहा कि पीएम ने वैक्सीनेशन अभियान को अपने हाथ में लिया है। उसके बाद ये संभव हुआ है। इससे पहले यह बिखर सा गया था। एमपी में पब्लिक पार्टिसिपेशन से यह संभंव हुआ है।सीएम ने कहा कि जन सहभागिता के बिना कुछ संभंव नहीं है। इसमें सभी तबके के लोगों ने साथ दिया है। सभी लोगों ने वैक्सीनेशन अभियान से जुड़े। जनता ने इसे अपने हाथों में ले लिया। रात तक वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों की लाइनें लगी रही हैं। सीएम ने कहा कि यह शुरुआत है। हमारी कोशिश है कि लोगों की जिंदगी बचाएं। मंगलवार को छोड़कर प्रदेश में सभी दिन टीका लगाया जाएगा। एक, दो और तीन जुलाई को हम फिर से वैक्सीनेशन अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर पर्याप्त डोज मिले तो हम अक्टूबर तक टीकाकरण पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अब वैक्सीन की कोई दिक्कत नहीं। भारत सरकार के अनुसार 21 जून को मध्यप्रदेश में रेकॉर्ड वैक्सीनेशन (mp on top in vaccination) हुआ है। एमपी के बाद वैक्सीनेशन के मामले में कर्नाटक दूसरे नंबर पर है। वहीं, तीसरे नंबर पर यूपी है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार एमपी (Madhya Pradesh Vaccination News) में सोमवार को 1542632 लोगों को टीका लगा है। कर्नाटक में 1067634 और यूपी में 674456 लोगों को टीका लगा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ये रेकॉर्ड कैसे बनाया है।16 जून को शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने ऐलान किया कि एमपी 21 जून को वैक्सीन महाअभियान चलाया जाएगा। भोपाल लौटने के बाद सीएम शिवराज ने इसकी तैयारी शुरू कर दी। सबसे पहले भोपाल में अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उसके बाद सभी अधिकारियों को ग्राउंड लेवल पर वैक्सीन महाअभियान को लेकर निर्देश दिए गए।एमपी की ‘फोगाट बेटियां’, मजदूर पिता ने खेत में दौड़ाकर तीनों को बनाया खिलाड़ी, एथलीट हंट में मिलेगा मौकाउत्सव के रूप में तैयारीदरअसल, एमपी के कई ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन को लेकर अफवाह की खबरें आ रही थीं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वैक्सीन महाअभियान को उत्सव का रूप दिया। मंत्री से लेकर संतरी तक की टीम इसे सफल बनाने में जुट गई। साथ ही आम लोगों की सहभागिता भी बढ़ाई गई। सीएम शिवराज सिंह चौहान वैक्सीन अभियान से पहले अपने ट्विटर हैंडल से आम लोगों की अपील शेयर करने लगे। इसका भी बड़ा इम्पैक्ट हुआ है। टीकाकरण केंद्रों को सजाया गया। आकर्षक होनों की वजह से युवाओं का रूझान बढ़ा।हमने कोरोना काल में अपनों को खोया है, इसलिए हमारा सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि ऐसा समय दोबारा न आये। सभी लोग वैक्सीन लगवा कर कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हो।शिवराज सिंह चौहान, सीएमआम लोगों की सहभागिता बढ़ीसीएम शिवराज सिंह चौहान इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर लोगों से मदद मांग रहे थे। धर्म गुरु, समाजसेवी और कारोबारी भी इसे सफल बनाने में आगे आ गए। इंदौर से लेकर भोपाल तक में होटल, रेस्टोरेंट और मॉल टीका लगवाने वाले लोगों को ऑफर देने लगे। इसका फायदा यह हुआ कि इंदौर में लोग जमकर टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचे और टीका लगवाया है।महावैक्सीनेशन अभियान से पहले सीएम ने पीतांबरा मंदिर में की पूजा, कोरोना के खात्मे के लिए की कामनामंत्रियों और अधिकारियों को उतार दिया मैदान मेंवैक्सीन महाअभियान के तहत एक दिन में 10 लाख से अधिक टीका लगवाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों और अधिकारियों की फौज को मैदान में उतार दिया था। टीका लगवाने के लिए मंत्री अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों से अपील कर रहे थे कि टीका लगवाए। साथ ही उनका भ्रम दूर कर रहे थे। इसके अलावे अधिकारियों ने गांवों का रुख किया, जहां कई तरह की अफवाहें थीं। अधिकारियों ने गांव-गांव में जाकर लोगों को समझाया कि टीका लगवाना क्यों जरूरी है।कोरोना रूपी संकट ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। हमारी प्राथमिकता कोरोना पर विजय प्राप्त करना है। कोरोना बहरूपिया है, जो अपना रूप बदलता रहता है।शिवराज सिंह चौहान, सीएमविरोधियों ने भी दिया साथइस महाअभियान में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने विरोधियों का भी साथ लिया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी लोगों से टीका लगवाने के लिए अपील की। इसके साथ ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भी सरकार का साथ दिया था। सभी की भागीदारी से सीएम शिवराज सिंह चौहान इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में सफल रहे हैं।टीकाकरण महा अभियान के पहले दिन एमपी में 16 लाख से ज्यादा लोगों को दी गई कोरोना वैक्सीन, देश में सबसे ज्यादासीएम खुद भी रहे एक्टिवसीएम शिवराज सिंह चौहान महाअभियान की शुरुआत से पहले खुद भोपाल में एक्टिव रहे। वहीं, महाअभियान के दिन वह खुद दतिया पहुंच गए। वहां से उन्होंने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इसके बाद सीहोर जिले के बुधनी पहुंचे। यहां भी उन्होंने टीकाकरण को लेकर लोगों को संबोधित किया। सीएम अपने हर संबोधन में टीका को लेकर फैली अफवाहों को दूर करने की कोशिश में लगे रहे हैं।पीएम मोदी से मिले सीएम शिवराज, एक घंटे 20 मिनट तक दोनों में हुई है बातएमपी में सोमवार की रात 10 बजे तक कुल 16.41 लाख लोगों को टीका लगा है। वहीं, सरकार की तरफ से 10 लाख लोगों का लक्ष्य रखा गया था। पूरे देश में हुए वैक्सीनेशन का 20 फीसदी हिस्सा एमपी में हुआ है। खंडवा में सोमवार को 205 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ है। वहीं, राजधानी भोपाल में 95 और पन्ना में 91 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ जबकि छिंदवाड़ा में 190 फीसदी हुआ है। वहीं, बचे हुए सभी जिलों में 100 फीसदी से ऊपर वैक्सीनेशन हुआ है।बेखौफ अपराधियों ने इंदौर पुलिस को दी चुनौती, एसपी के घर के बाहर तहसीलदार से मोबाइल छीना दरअसल, खंडवा को सोमवार को 15000 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य दिया गया था। सीएमएचओ के अनुसार जिले में 31,000 लोगों को टीका लगा है। सूत्रों ने बताया कि एमपी में 19 लाख वैक्सीन का स्टॉक था, जिसमें से 86 फीसदी का प्रयोग सोमवार को हो गया है। मंगलवार को वैक्सीनेशन नहीं होगा। बुधवार से फिर वैक्सीनेशन की शुरुआत होगी।टीकाकरण महाअभियान के प्रति सभी लोगों ने वैक्सीनेशन के लिये जो जोश दिखाया, उससे प्रति घंटे वैक्सीनेशन की रिपोर्ट दोगुनी होती रही।शिवराज सिंह चौहानकोरोना कंट्रोल मॉडल की भी हुई है चर्चादरअसल, एमपी में वैक्सीनेशन से पहले कोरोना कंट्रोल मॉडल की भी चर्चा हुई है। एमपी मॉडल के बारे में सीएम शिवराज से पीएम मोदी ने भी जानकारी ली थी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एमपी में कोरोना के आंकड़े कभी 14 हजार के पार नहीं गए। इसमें सीएम की तरफ से गठित क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने बड़ी भूमिका निभाई थी। जिसा स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक पर इसका गठन किया गया था।