mahila samman bachat scheme, महिला सम्मान बचत पत्र: मोदी सरकार ने महिलाओं को यूं ही नहीं दिया 7.5% वाला फायदा, 2024 का कनेक्शन समझ लीजिए – how mahila samman saving certificate will cater votes for modi government in 2024 lok sabha elections

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि आजादी के अमृत मोहत्सव के अवसर पर सरकार महिलाओं के सम्मान में एक नई सेविंग स्कीम पेश कर रही है। सीतारमण ने इसका नाम ‘महिला सम्मान बचत पत्र’ (Mahila Samman Saving Certificate) बताया है। ध्यान रहे कि अगले वर्ष 2024 में ही लोकसभा चुनाव होना है, ऐसे में महिलाओं के लिए नई बचत योजना को नरेंद्र मोदी सरकार की शतरंजी बिसात बताया जा रहा है। मोदी सरकार के अधीन केंद्रीय योजनाओं में महिलाओं पर खास फोकस रहा है। ऐसे में महिला सम्मान बचत पत्र के ऐलान को भी महिला मतदाताओं का दिल जीतने का एक और जरिया माना जा सकता है। वित्त मंत्री ने इस बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के बजट में भी 66% की भारी-भरकम बढ़ोतरी की घोषणा की है जिसका सीधा असर महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन स्तर पर पड़ता है। क्या है महिला सम्मान बचत पत्र, समझेंवित्त मंत्री ने फाइनैंशल ईयर 2023-24 के बजट भाषण में कहा कि ‘महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट’ के तहत महिला और लड़की को अधिकतम 2 लाख रुपये की एकमुश्त राशि जमा कराने की सुविधा होगी जिस पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बचत जमा की मियाद दो वर्ष की है जो मार्च 2025 में खत्म हो जाएगी। यानी, अगर कोई ‘महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट’ स्कीम का फायदा उठाना चाहती है तो उसे मार्च 2025 तक अधिकतम दो लाख रुपये की राशि जमा करवानी होगी।Budget 2023 Highlights: निर्मला के बजट में मिडिल क्लास, महिला, वेतनभोगियों के लिए बल्ले-बल्ले, जानें हर अपडेटपीएमएवाई के बजट में 66% की बढ़ोतरीवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीब परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ को भी बड़ा बूस्ट दिया है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए पीएमएवाई का बजट बढ़ाकर 79,590 करोड़ रुपये कर दिया गया जो मौजूदा वित्त वर्ष में 48 हजार करोड़ रुपये है। यानी, पीएमएवाई में मोदी सरकार ने 66 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी की है। यह भी महिला मतदाताओं को लुभाने की बेहद प्रभावी तरकीब है क्योंकि गरीब परिवारों को पक्का मकान मिलने से सबसे ज्यादा फायदा परिवार की महिलाओं को ही होता है। महिलाएं पक्का मकानों में ज्यादा सुरक्षित होती हैं और मौसम आधारित परेशानियां भी नहीं झेलनी पड़ती हैं।पीएम-किसान सम्मान निधि से भी मिलते हैं महिलाओं को वोट?महिला मतदाताओं को आकर्षित करने का एक और माध्यम पीएम-किसान सम्मान निधि भी है। इसका जिक्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंगलवार को किया था। उन्होंने कहा था कि पीएम-किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों में लगभग तीन करोड़ महिलाएं हैं और इन्हें कुल 54,000 करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सवा दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है। खास बात ये है कि इन लाभार्थियों में लगभग तीन करोड़ लाभार्थी महिलाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अभी तक महिला किसानों को लगभग 54,000 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार की प्राथमिकता में देश के 11 करोड़ छोटे किसान भी हैं। ये छोटे किसान दशकों से सरकार की प्राथमिकता से वंचित रहे थे। अब इन्हें सशक्त और समृद्ध करने के लिए हर तरह की कोशिश की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के लिए फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड का प्रसार बढ़ाने के साथ ही सरकार ने पहली बार पशुपालकों और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा है। मुर्मू ने कहा कि भारत एक ओर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रहा है और साथ ही दूसरी तरफ नैनो यूरिया जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी का भी विकास किया है।Budget 2023 for Women: महिला बचत सम्मान पत्र… ऐसा बड़ा ऐलान जिस पर स्मृति इरानी ने भी ठोकी ताली, जानिए क्या है यहमोदी सरकार के प्रति बढ़ता महिलाओं का रुझानराजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि मोदी सरकार ने महिला, दलित और लाभार्थी वर्ग का एक नया मतदाता समूह तैयार कर लिया है जो उसे 2014 के बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में ज्यादा सीटें दिलाने में कामयाब रहा है। दावा तो यहां तक किया जाता है कि मुस्लिम परिवारों की महिलाओं का रुझान भी बीजेपी के प्रति लगातार बढ़ रहा है। वहीं, राज्यों के विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय क्षत्रपों का पारंपरिक जातिगत समीकरण बिगाड़ने में भी केंद्रीय योजनाओं की बड़ी भूमिका बताई जाती है।