नई दिल्ली: G20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम बेहद व्यस्त रहेगा। जी20 की अध्यक्षता के अलावा इन 72 घंटों में मोदी 20 अन्य बैठकों में भी शामिल हो रहे हैं। इनमें 15 देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी होगी। गुरुवार देर रात जकार्ता से लौटते हुए प्रधानमंत्री मोदी G20 की तैयारी को अंतिम रूप देने में व्यस्त हो गए। उन्होंने आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ में तैयारी का जायजा लिया। साथ ही, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत समिट से जुड़े आला अधिकारियों के साथ बैठक के अजेंडे पर विस्तार से बात की। शुक्रवार को अमेरिका, मॉरिशस और बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय बातचीत हुई। शनिवार को G20 समिट से इतर कई बैठकें होनी हैं। हर बैठक की अपनी अहमियत और अजेंडा है। ऐसी कुछ संभावित बैठकों पर एक नजर।1- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बैठक में भारत और अमेरिका के बीच अहम समझौते हुए। साथ ही, G20 समिट की बैठकों से पहले सहमति बनाने की दिशा में अहम पहल हुई।2- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ ऐसे समय बैठक हुई, जब रोहिंग्या सहित कई मुद्दों पर भारत और बांग्लादेश आपसी सहमति बनाने की कोशिश में हैं।3- फ्रांस के प्रेजिडेंट मैंक्रों के साथ मीटिंग ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के रक्षा संबंध अब तक के सर्वोच्च शिखर पर हैं।4- कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के साथ मोदी की मीटिंग तब हो रही है, जब वहां अलगाववादियों को तरजीह के मुद्दे पर दोनों देशों में तल्खी रही है।5- तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ बैठक इसलिए अहम है कि एक बार निर्वाचित होने के बाद वह मुस्लिम देशों के बीच अगुआ बनने की कोशिश कर रहे हैं।6- साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के साथ बैठक ऐसे समय हो रही है जब चीन के समानांतर भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नॉलजी हब बनने की कोशिश कर रहा है।7- यूरोपीय यूनियन के प्रमुख चार्ल्स मिशेल के साथ मोदी की बातचीत इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसके साथ भारत के रिश्ते नरम-गरम से रहे हैं। बैठक में संबंधों को स्थिरता लाने की कोशिश होगी।8- नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू के साथ मोदी की मीटिंग ऐसे समय में होगी, जब भारत अफ्रीकी देशों की सबसे मुखर आवाज बनकर सामने आया है।9- मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ मोदी के आत्मीय रिश्ते रहे हैं। रणनीतिक रूप से यह भारत का अहम साझीदार है। शुक्रवार को हुई यह बैठक दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने वाली मानी गई।10- ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ मीटिंग इसलिए अहम है कि भारत अब G20 अध्यक्षता की कमान इस लैटिन अमेरिकी देश को सौंपेगा।11- ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ मोदी की मीटिंग मौजूदा ग्लोबल ऑर्डर में अहम है, क्योंकि दोनो देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर गतिरोध बना हुआ है।12- इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ हाल-फिलहाल में मोदी की यह दूसरी द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है। पिछली बार मेलोनी ने मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में एक बताया था।13- UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद के साथ बैठक में मोदी खाड़ी देशों के साथ रिश्ते को मजबूत करने की मुहिम को और बढ़ा सकते हैं।14- जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ मोदी की बैठक इसलिए अहम है कि दोनों ही देश चीन की विस्तारवादी नीतियों से प्रभावित रहे हैं। ये दोनों मिलकर चीन को संदेश दे सकते हैं।15- सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ पीएम की द्विपक्षीय बातचीत होगी। ऐसे समय जब सऊदी अरब ने कूटनीत में बदलाव का संकेत दिया, यह मुलाकात बेहद अहम होगी।16- जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ मोदी की मीटिंग में तकनीक और शिक्षा के मोर्चे पर कई अहम समझौते हो सकते हैं। इस लिहाज से बैठक बेहद महत्वपूर्ण है।17- G20 समिट से इतर G7 देशों की मीटिंग भी हो सकती है। इस समूह में फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा शामिल हैं। ये देश रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं।18- अफ्रीकी यूनियन के साथ मोदी की मीटिंग इसलिए अहम है कि इसे G20 समूह में शामिल करने के लिए भारत ने सबसे अहम भूमिका निभाई है।19- क्वॉड की मीटिंग भी इस दौरान हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और भारत का यह समूह अगली क्वॉड मीटिंग की घोषणा कर सकता है। इसके 25 जनवरी को होने के आसार हैं।20- भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई के साथ रेलवे कोरिडोर बनाने की दिशा में बड़ी घोषणा हो सकती है। इसे चीन को काउंटर करने का कदम माना जा रहा है।