Military Special Trains Security,मिलिट्री स्पेशल ट्रेन में होगी फ्लेमलेस कुकिंग, मदुरै हादसे के बाद सेना कर रही कई विकल्पों पर विचार – flameless cooking in military special trains as army consider new options after madurai accident

नई दिल्ली : मिलिट्री स्पेशल ट्रेन में रसोई गैस सिलेंडर की जगह इंडक्शन स्टोव के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है जिससे मिलिट्री स्पेशल ट्रेन में फ्लेमलेस कुकिंग होगी। हाल ही में मदुरै में रेलवे कोच में गैस सिलेंडर से आग हादसे के बाद रेलवे ने सुरक्षा को लेकर अडवाइजरी भी जारी की थी।पिछले महीने तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास लखनऊ से रामेश्वरम जा रही ट्रेन के प्राइवेट कोच में आग लग गई थी। इसमें चाय बनाने के लिए अवैध तरीके से रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा था। सिलेंडर में ब्लास्ट होने की वजह से कोच में आग लगी जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई। हर महीने करीब 30 से 40 तक मिलिट्री स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाती हैं। ये भारतीय सेना के सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। अगर सेना की किसी यूनिट को एक्सरसाइज के लिए कहीं जाना है या फिर यूनिट को एक जगह से दूसरी जगह तैनाती दी गई है तो मूवमेंट के लिए मिलिट्री स्पेशल ट्रेन का इस्तेमाल होता है। क्योंकि ये ट्रेन काफी लंबी दूरी तय करती हैं इसलिए ट्रेन में ही खाना भी पकाया जाता है और इसके लिए रसाई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होता है।सेना के अधिकारियों के मुताबिक सेना ट्रेन में कुकिंग कम करने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है। इसमें IRCTC से खाना सप्लाई करवाना भी एक ऑप्शन है। इसके ट्रायल भी शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही कुकिंग को फ्लेमलेस कुकिंग (बिना आग के) में शिफ्ट करने की कोशिश भी की जा रही है। तब रसोई गैस सिलेंडर के इस्तेमाल की जगह इंडक्शन स्टोव का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए कोच फैक्ट्री और रेलवे बोर्ड से बात की जा रही है। ये बातचीत अडवांस स्टेज में हैं। भारतीय सेना रेलवे की टेक्निकल टीम से कंसल्टेशन कर जल्दी ही इसके ट्रायल शुरू करेगी।सेना के मुताबिक मिलिट्री स्पेशल ट्रेन में पहले से ही सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। अभी भी सुरक्षित तरीके से गैस सिलेंडर इस्तेमाल हो इसलिए स्पेशली डिजाइंड कोच में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फ्लेम (आग) से काफी दूरी पर गैस सिलेंडर होता है। साथ ही मिलिट्री स्पेशल ट्रेन में फायर फाइटिंग इक्विपमेंट भी मौजूद रहते हैं। वेंटिलेशन का पूरा ख्याल रखा जाता है और सभी नियम सख्ती से लागू हों इसके लिए फायर सेफ्टी ऑफिसर भी नॉमिनेट किया जाता है।